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क्या स्कूल बस में आपके बच्चे सुरक्षित हैं?

पुणे में स्कूल बस ड्राइवर द्वारा बच्ची के साथ असभ्य व्यवहार का मामला...!

क्या स्कूल बस में आपके बच्चे सुरक्षित हैं?


पुणे के वाघोली में हाल ही में स्कूल बस ड्राइवर द्वारा एक स्कूली बच्ची से असभ्य व्यवहार करने का मामला सामने आने से एक बार फिर से खलबली मची हैं.

इस घटना की शिकायत स्कूल प्रशासन को करने के बाद भी इस बात पर गंभीरता से कार्रवाई नहीं किये जाने की वजह से जहाँ बच्चों के माता-पिता चिंतित हैं, वही दूसरी ओर स्कूल प्रशासन के प्रति समाज में गुस्सा भी दिखाई दे रहा हैं. 

वाघोली के एक स्कूल ने बच्चों को स्कूल लाने का काम किसी प्राइवेट स्कूल वन को सौंपा था. यह स्कूल बस ड्राइवर काफी दिनों से स्कूली छात्र बेटियों से आपत्तिजनक व्यवहार कर रहा था. इस स्कूल बस को काली कांच (फिल्म) लगी हुयी थी, जिससे बच्चों के माता-पिता को काफी दिनों से इस बात का अंदेशा था. उन्होंने स्कूल प्रशासन को स्कूल बस को लगी काली कांच के बारे में शिकायत भी की थी. लेकिन अपने मस्ती में जीने वाले स्कूल प्रशासन ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया. 

जब इस बात की खबर कुछ राजकीय कार्यकर्ताओं को लगी तब उन्होंने इस वैन चालक को स्कूल प्रशासन के सामने पीटा. हालाँकि, इस मामले में अभी तक पुलिस कंप्लेंट नहीं की गयी हैं. बताया जा रहा हैं स्कूल प्रशासन ने अपनी साख (?) बचाने के लिए इस मामले को आगे बढ़ने नहीं दिया. मगर बच्चों के अभिभावक भी पुलिस में कंप्लेंट करना नहीं चाहते थे.

कारण चाहे कुछ भी हो मगर स्कूली छात्रों की सुरक्षा के प्रति जो सावधानियां बरतनी चाहिए उसमे ना स्कूल  गंभीर होती हैं, ना ही माता-पिता. ज्यादातर लोगों की यही राय हैं की इस विषय की ओर गंभीरता से सोचा जाना चाहिए. 


क्या स्कूल बस में आपके बच्चे सुरक्षित हैं?


पुणे शहर में सेंकडो प्राइवेट स्कूल हैं, जिसकी फीस 30,000 से लेकर 2,00,0000 रुपये तक होती हैं. माता-पिता भी अपने बच्चों को अच्छी पढाई लिखाई के अलावा सुरक्षित माहौल मिले इसलिए अपनी क्षमता से ज्यादा फीस अदा करने के लिए तैयार रहते हैं. लेकिन ऐसी घटनाओं से उनकी अपेक्षाकृत सभी बातें होती दिखाई नहीं देती हैं. 


स्कूल के साथ माता-पिता को भी अपनी जिम्मेदारी का अहसास होना जरुरी हैं... 

 क्या हमारे बच्चे सुरक्षित हैं? बच्चों के माता-पिता को हमेशा इस बात से डर लगा रहता हैं. अगर दुर्भाग्यवश कुछ अप्रिय घटना हो जाए तो उसकी जिम्मेदारी क्या माता-पिता की नहीं होनी चाहिए. क्यूंकि सुरक्षा को लेकर जो कानून बनाये जाते हैं, उनसे हम कितने अवगत होते हैं?

सही मायने में अगर देखा जाए तो ऐसी सुरक्षा प्रणाली को ज्यादातर माता-पिता नजर अंदाज ही करते देखे गए हैं. 


 क्या कहते हैं स्कूल बस से सम्बंधित निर्देश?


  • स्कूली छात्रों को ले जाने के लिए उन वाहनों के पास मोटर वाहन अधिनियम की धारा 74 के तहत एक वैध अनुबंध होना चाहिए. 
  • स्कूल बस परिवहन से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए एक अलग समिति होनी चाहिए.  समिति में स्कूल प्रिंसिपल, एक पीटीए प्रतिनिधि (Parent-teacher associations representative), बस प्रशासक, पुलिस अधिकारी, मोटर वाहन निरीक्षक, शिक्षा निरीक्षक और सभी संबंधित प्राधिकरण शामिल होने चाहिए.
  • स्कूल प्रिंसिपल को छात्रों की स्कूल बस सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होना चाहिए. 
  • सभी प्राथमिक चिकित्सा सामग्री और दवाएं प्राथमिक चिकित्सा सेट में उपलब्ध होनी चाहिए. प्रमाणित 5  किलो वजन के दो अग्निशामक यंत्रों को स्थापित करना भी आवश्यक है. उनमें से एक को ड्राइवर के कैबिने में और दूसरे को इमर्जेन्सी एग्जिट मार्ग पर स्थापित करना आवश्यक हैं. 
  • स्कूल के अधिकारियों को प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में प्राथमिक चिकित्सा और अग्निशामक के उपयोग के बारे में एक प्रशिक्षण आयोजित करना चाहिए. 
  • हर स्कूल को ट्रैफिक वार्डन की नियुक्ति करनी चाहिए ताकि स्कूल के समय में ट्रैफिक का प्रबंधन किया जा सके और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
  • ट्रैफिक पुलिस से अनुमति के साथ हर स्कूलों के पास उचित सड़क चिन्ह होना चाहिए
  • किसी भी वाहन से स्कूली बच्चों की सुरक्षित बोर्डिंग सुनिश्चित करने के लिए स्कूल अधिकारियों को उचित व्यवस्था करनी चाहिए
  • सभी स्कूल बस ड्राइवरों को एक योग्य चिकित्सक द्वारा आयोजित विभिन्न स्वास्थ्य परीक्षणों से गुजरना होगा
  • प्रत्येक स्कूल बसों को एक प्रतिष्ठित बीमा कंपनी द्वारा अनुमोदित बीमा होना चाहिए

    • छात्राओं की सुरक्षा के लिए हर स्कूल बस में एक महिला अटेंडेंट होनी चाहिए

    • प्रत्येक स्कूल बसों में आवश्यक दवाओं और उपकरणों के साथ एक फर्स्ट बॉक्स होना चाहिए
    • हर स्कूल बस में आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए छात्रों के साथ उनके संपर्क नंबरों के बारे में विवरण होना चाहिए
    • आपातकालीन दरवाजे को अवरुद्ध करने वाली कोई भी सीट की अनुमति नहीं दी जाएगी
    • स्कूल बसें बच्चों को बसों की निर्धारित क्षमता से अधिक नहीं ले जाएंगी
    • स्कूल बस के अंदर कोई संगीत नहीं बजाया जाएगा
    • स्कूल बस के कर्मचारियों द्वारा धूम्रपान या शराब का सेवन नहीं करना चाहिए
    • स्कूल बस के दरवाजे बंद होने चाहिए, जब वह बस चल रही हो. 
    अगर आप किसी अनुचित घटना को रोकना चाहते हो तो इन सूचनाओं को ठीक से अवगत कर ले. 

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