मानवी अस्तित्व के विनाश को दर्शाती ऑस्ट्रेलिया की आग
50 करोड़ से ज्यादा जीवों की हुयी हैं मृत्यु
अमेज़न की तरह ही जंगल की आग की घटनाये ऑस्ट्रेलिया के लिए कोई अजनबी नहीं है, लेकिन इस मौसम में इस आग की तीव्रता अभूतपूर्व दिखाई दे रही हैं. इस आग में अब तक कम से कम 25 लोग मारे गए हैं, पिछले सीज़न की तुलना में 2019–20 में 6.3 मिलियन हेक्टेयर (16 मिलियन एकड़; 63,000 वर्ग किलोमीटर; 24,000 वर्ग मील) परिसर को जला दिया हैं, जिसमे 2,500 से ज्यादा घरों और इमारतों को भी इस आग ने जलाकर राख कर दिया हैं. यह जानकारी 5 जनवरी तक की हैं.
आग की तीव्रता अभी तक कुछ भी कम नहीं हुयी हैं और यह एक भीषण रूप ले चुकी हैं. अमेज़न जंगल की आग हो या ऑस्ट्रेलिया में लगी पौधों की आग हो विकास की इस प्रक्रिया में मानव और वन्य जीवों के अस्तित्व के खतरे को बढ़ा रही हैं. ऐसे में यह सवाल तो जरूर बनता हैं हमें या तो विकास चुनना होगा या हमारा अस्तित्व.
अमेज़न जंगल की आग और ऑस्ट्रेलिया की आग में सिर्फ एक फर्क हैं, यह जंगल की आग नहीं हैं, झाड़ियों की आग हैं. इस आग से प्रभावित स्थान प्रमुख बड़े शहरों का केंद्र नहीं हैं, ग्रामीण, दूरस्थ और क्षेत्रीय शहर हैं. मगर इससे सबसे बड़ा खामियाजा वहां के वन्य जीवों को भुगतना पड़ रहा हैं.
इस ट्वीट में एक छोटी बच्ची ने जो चित्र बनाया हैं, वह एक संवेदनशील मानव का प्रतीक हैं और पर्यावरण को बचाने की हमारी लड़ाई में एक रोशनी की तरह यह चित्र सामने आ रहा हैं.
जैसे अमेज़न जंगल की आग में सबसे ज्यादा कीमत हमें वन्य जीवों के विनाश से भुगतनी पड़ी थी उसी तरह इस आग में भी वन्य जीवों की बड़ी क्षति होते दिख रही हैं.The #AustralianBushfiresDisaster has caught the imagination, and melted the hearts, of Indians too. A Kerala schoolchild weeps for koalas. https://t.co/Av1Cf1lh4E— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 8, 2020
इस ट्वीट को देखिये... किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को हताश करने वाली तस्वीर हैं यह.
#TrumpSpeech— رجل على مفترق الطرق (@freedomabuqusai) January 8, 2020
In Australia's forest fires, we see mercy among animals ... if only we could be like them and all wars would end pic.twitter.com/m6aWbeUXMa

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