Video: प्राणियों की भलाई की दुआ मांगनेवाले भूटानी बच्चे
भूटान में सर्दियों खुले नीले आकाश, शुष्क मौसम होता हैं. भूटानी सर्दियों के संक्रांति या नाइलोक का जश्न मनाते हैं. परंपरा की सबसे अहम् बात यह हैं की, छोटे बच्चे मानवता और जानवरों की भलाई के लिए घर-घर जाकर गायन करते हैं.
Bhutanese celebrate winter solstice or Nyilok (Return Of ☀ from northern hemisphere to southern hemisphere) as New Year. As per tradition children visit home to home singing in praise for well being of people & animals. Happy Nyilok#bhutanese#may new year usher best for 2020# pic.twitter.com/hlahiqbuft— Wangchuk Hexzo (@csophpa) January 2, 2020
हैप्पी नाइलोक.
भूतनियों का रहन सहन और उनकी जीवन पद्धति नैसर्गिक जीवों के साथ अधिक निकटम पायी जाती हैं वहीँ दूसरी ओर प्राणियों के साथ हिंसा और बदसलूकी के हजारो उदहारण दिखाई पड़ते हैं. अधिक पढ़ें.
ऐसे में प्राणियों के लिए शुभकामनाओं की अपेक्षा रखने वाले भूटानी बच्चे बड़े बड़े विद्वानों से ज्यादा अक्लमंद नजर आते हैं.
भूटान में 165 से अधिक स्तनधारियों की प्रजातियों के साथ वन्य विविधता पायी जाती हैं. यहाँ बाघों, हाथियों, लंगूरों, रंगबिरंगी तितलियों, भैंसों, नीली भेड़, और यह याक की भूमि है जो कई भूटानी लोगों के पालतू जानवर हैं.
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