ईरान-अमरीका युद्ध के बादल गहराए: कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल
इराक में अमेरिकी हवाई हमले के बाद राजनीतिक तनाव को बढ़ते देखा जा सकता हैं. तेल की कीमत आज 4% से अधिक बढ़ गयी हैं. ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत $ 69.16 प्रति बैरल तक पहुंच गई, जो सितंबर के बाद के 4.39% के उच्चतम स्तर के मुकाबले 66.25 डॉलर प्रति बैरल थी.
तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर आज घरेलु बाजार पर महसूस हुआ जब तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में 10 पैसे और डीजल के दाम में 15 पैसे लीटर की बढ़ोतरी की. अगर यह तनाव और बढ़ता हैं तो भारत में 5-6 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं.
ईरानी सेना के सबसे शक्तिशाली हस्तियों में से एक कासिम सुलेमानी की बगदाद के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास अमेरिकी हवाई हमले में मारे जाने के बाद इस तनाव में रिकॉर्ड वृद्धि हुयी हैं.
ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के सबसे मजबूत नेता कासेम सोलेमानी, ईरान और क्षेत्र के समर्थकों में एक आइडल के रूप में देखा जाता था. ईरान के दुश्मनों उन्हें पॉलिसियों के पीछे मास्टरमाइंड मानते थे. सुलेमानी को अक्सर अयातुल्ला अली खमेनी के के बाद का ईरान का दूसरा सबसे शक्तिशाली नेता कहा जाता था. तेहरान से उनकी हत्या के विरुद्ध जोरदार प्रतिक्रिया आयी हैं.
Iran’s supreme leader, Ayatollah Ali Khamenei, vowed that “severe retaliation” awaits those who killed one of Iran's top generals https://t.co/kBRbN4ZwnR— Bloomberg (@business) January 3, 2020
ईरान के सबसे बड़े नेता अयातोल्लाह अली खामेनी ने इस कार्रवाई का अंजाम भुगतने के लिए अमेरिका को तैयार रहने को कहा हैं. अपने ट्वीट्स में वह कहते हैं की, अमरीका के दु:साहस दुगुनी शक्ति से मुक़ाबला किया जाएगा.
Iran's Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei says 'vigorous revenge is waiting for the criminals' following General Soleimani's killing https://t.co/HnlKGkaWwV pic.twitter.com/sbaTHip3ZU— Al Jazeera English (@AJEnglish) January 3, 2020
भारत की अर्थव्यवस्था पर भी होगा बुरा असर
भारत कच्चे तेल की आयात करनेवाला तीसरा सबसे बड़ा देश हैं. भारत ईरान, सऊदी अरबिया, ब्राज़ील और अन्य कुछ देशों से कच्चा तेल आयात करता हैं.कच्चे तेल के भाव में तेजी की वजह से तेल कंपनियों पर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने का दबाव बढ़ता दिख रहा हैं. पेट्रोल-डीजल के भाव का सबसे बड़ा असर महंगाई दर की वृद्धि में दिखाई देता हैं. जिससे आम भारतीय को जरुरी चीजों के लिए ज्यादा मूल्य चुकाना पड़ेगा.
उल्लेखनीय बात यह हैं की भारत अपनी कुल जरूरत का 80 फीसदी से ज्यादा का तेल आयात करता है. एक अनुमान हैं की तेल की कीमतों में एक डॉलर बढ़ोतरी सालाना आयात बिल 10,700 करोड़ रुपये बढ़ सकता हैं. साल 2018-19 में भारत ने 111.9 अरब डॉलर मूल्य के तेल का आयात किया था. किसी कमोडिटी पर इतनी बड़ी मात्रा में फॉरेन करेंसी खर्च होती होगी तो वह सिर्फ कच्चा तेल ही हैं.

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