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एमपी के नामी उद्योगपति पुनीत अग्रवाल की भीषण लिफ्ट हादसे में मृत्यु


मध्य प्रदेश के एक प्रमुख उद्योगपति पुनीत अग्रवाल और उनके परिवार के पांच सदस्यों की मंगलवार 31 दिसंबर की रात को एक भीषण लिफ्ट हादसे में मृत्यु हो गयी.

इंदौर से सटे पातालपानी स्थित उनके फार्महाउस पर एक लिफ्ट मंगलवार रात क्षेत्र में 70 फीट से अधिक की ऊंचाई से गिर गई थी. लिफ्ट से गिरने से मरने वालों में पुनीत अग्रवाल (57), उनकी बेटी पलक अग्रवाल (27), दामाद पलकेश अग्रवाल (28), पोते नव (2), रिश्तेदार गौरव (40) और आर्यवीर (11) थे. पुनीत अग्रवाल की पत्नी निधि, इस हादसे का शिकार होते होते बच गयी, लेकिन वर्तमान में गंभीर परिस्थितियों में अस्पताल में भर्ती है.


नए साल का स्वागत करने के लिए अग्रवाल परिवार उनके पातालपानी स्थित फार्महाउस पर गए थे. उस फार्म हाउस में एक बड़ा टावर बनाया गया था. जहां से पातालपानी का सौंदर्य देखा जा सकता था. इसीलिए परिवार के सभी सदस्य इस टावर पर गए थे. टावर से नीचे आते समय लिफ्ट की रस्सी टूट जाने से ये हादसा हुआ.

लिफ्ट में जगह ना होने के कारण पुनीत अग्रवाल के पुत्र निपुण टावर पर ही रुक गए इसीलिए उनकी जान बच गयी. निपुण की पत्नी प्रेग्नेंट होने की वजह से घर पर ही रुक गयी थी. इन दोनों और पुनीत की पत्नी निधि को छोड़कर परिवार के सभी सदस्य इस भीषण हादसे का शिकार हो गए.

कुल 2000 करोड़ के मालिक मध्य प्रदेश के बड़े व्यावसायिकों में से एक थे. पथ इंडिया के अलावा वह और 14 कंपनियों  थे. देशभर के 8 राज्यों के टोल वसूली के कॉन्ट्रैक्ट्स पुनीत की कंपनी के पास थे. इन्ही कंपनी के द्वारा अब तक 2700 हाईवे का निर्माण किया गया हैं.



जानिये कुछ रोचक तथ्य पुनीत अग्रवाल के बारे में 

टेनिस प्रेमी थे पुनीत 



पुनीत अग्रवाल टेनिस के शौकीन थे और वह विंबलडन देखने लंदन जाते थे. उन्होंने हाल ही में डेली कॉलेज में आयोजित मध्य प्रदेश राज्य रैंकिंग पुरुष युगल टेनिस प्रतियोगिता में भाग लिया. उन्होंने पातालपानी में अपने फार्महाउस में एक टेनिस कोर्ट भी बनाया था. वह शहर के छावनी कार्यालय में स्थित टेनिस कोर्ट में रोजाना टेनिस खेलते थे.  अगर महू शहर में कोई बड़ा सामाजिक या खेल कार्यक्रम होता, तो पुनीत उस कार्यक्रम को आर्थिक सहाय्यता से लेकर काफी मददगार रहते थे.  पुनीत हमेशा सामाजिक और खेल जैसे किसी भी बड़े अभियान में बड़े पैमाने पर भाग लेते थे.

प्राणियों से था लगाव... 

चिल्ड्रन डे पर अपने पोते के नाम से एक बाघ शावक को उन्होंने अडॉप्ट कर लिया था. उद्योगपति अग्रवाल ने इंदौर में चिड़ियाघर में एक टाइगर शावक को 14 नवंबर को बाल दिवस के पोते के नाम से अपनाया था. शावक का नाम टाइगर नव था. इसके लिए उन्होंने चिड़ियाघर को करीब 2.31 लाख रुपये का चेक दिया.

नंबर 76 के दीवाने 

उद्योगपति पुनीत अग्रवाल के परिचितों के अनुसार उन्हें नंबर 76 से काफी लगाव था. उनका बंगला नंबर 76 था और उनकी सभी कारों में शुरुआत या अंत में नंबर 76 था. वह एक अच्छे इंसान थे और हर किसी की मदद के लिए तैयार रहते  थे.

उनके संस्थान में 4000 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं. 
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