कैन्सर के इलाज में गुणकारी है ‘गौमूत्र अर्क’
ऐसा ही एक संशोधन प्राणियों में पाए जाने वाले मधुमेह (alloxan-induced diabetes) पर गोमुत्र अर्क के प्रभाव का अध्ययन किया गया था. इस अध्ययन में 200-250 ग्राम वजन वाले विस्टार एल्बिनो चूहों का उपयोग किया गया था. रक्त शर्करा, विटामिन सी और malondialdehyde रिलीज जैसे जैव रासायनिक मापदंडों को मापा गया. इस प्रयोग में जब गौमूत्र अर्क के उपयोग के बाद डायबिटिक चूहों में रक्त शर्करा और विषैले तत्वों में काफी कमी पायी गयी.
पिछले आर्टिकल में हमने वैद्य अजित उदावंत से गौमूत्र (gomutra) अर्क के विविध लाभों के बारे में जाना था. आज उन्ही से इस आर्टिकल में हमने कैंसर जैसी गंभीर बिमारी में गौमूत्र के उपयोग के बारे में जानने की कोशिश की हैं. आशा हैं यह आपको पसंद आएगा.
पिछले कुछ वर्षों में हम देख रहे हैं कि, कैन्सर की बीमारी का काफी तेजी से फैलाव हुआ है. आज मेडिकल साइन्स काफी प्रगति कर चुका है, लेकिन फिर भी काफी गंभीर रोगों में कैन्सर की बीमारी शुमार है. इस बीमारी को ठीक कराने में मरीज और उसके परिजनों के काफी फैसे खर्च होते है तथा बड़े-बड़े अस्पतालों के चक्कर कांटने पड़ते है.
केमोथेरेपी, लेजर थेरेपी जैसे महंगे इलाज या कई बार सर्जरियां करनी पड़ती है. लेकिन कैन्सर जैसी गंभीर बीमारी को ठीक कराने में ‘गौमूत्र’ काफी अहम भूमिका अदा कर सकता है. जरुरत है केवल हमें इसके सही इस्तेमाल की.
आपको बता दें कि, जहां तक भारत का संबंध है आज भी भारत में करीब 1300 से अधिक लोक कैन्सर की बीमारी के चलते अपना जीवन गंवा देते है. साथ ही इसमें पिछले कुछ वर्षों में बढ़ोतरी हो रही है. इस गंभीर बीमारी से निपटने के लिए आज विभिन्न तरह के इलाज मौजूद है, लेकिन इनमें से ज्यादातर काफी महंगे होते है, जिससे गरीब और मध्यवर्ग के लोग अफोर्ड नहीं कर सकते. ऐसे मरिजों के लिए गौमूत्र एक संजीवनी बूटी की तरह सिद्ध हो सकता है.
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