इन 11 उद्योग समूहों ने येस बैंक को डूबोने में निभाया अहम रोल
सभी कॉर्पोरेट्स आए ईडी की राडार पर, मनी लाँड्रिंग का भी शक
File Photo
नई दिल्ली - देश के बड़े-बड़े पूंजिपतियों द्वारा बैंको को चूना लगाने के चलते बैंक वित्तीय संकट में धंसते चले जा रहे है. इसका ताजा उदाहरण है येस बैंक का. देश के जिन 11 बड़े-बड़े पूंजिपतियों की ओर येस बैंक का 42 हजार करोड़ से अधिक का बकाया है, वे सभी अब ईडी के राडार पर आ गए है. खास बात यह कि, इसमें अनिल अंबानी तथा एस्सेल ग्रुप के सुभाष चंद्रा जैसे बड़े नाम शामिल है.
घाटे में चली गई येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है. कपूर ने विदेश में पैसों का लेन-देन कर कुछ बड़े उद्यमियों को नियमों को ताक पर रखकर कर्ज दिलाने का उन पर आरोप है. यह सारा कर्ज इस समय डूबने की कगार पर पहुंच गया है.
जिन कंपनियों ने येस बैंक का कर्ज डूबोया है उनमें सबसे अहम नाम है अनिल अंबानी का. उनके रियालन्स उद्योग समूह को येस बैंक का करीब 12 हजार 808 करोड़ का लोन बकाया है. हाल ही में अनिल अंबानी की 10 कंपनियां घाटे में गई है. उन्होंने कोर्ट में भी इस बात को माना है कि, उनकी कंपनियां इस समय डूबने की कगार पर है.
इसके बाद सबसे अहम नाम आता है एस्सेल ग्रुप का. इस ग्रुप के मालिक है सुभाष चंद्रा, जोकि ‘जी मीडिया’ ग्रुप के चेयरमन थे. उन्होंने 2019 में इस पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन वे अभी भी नॉन एक्जिकेटिव चेयरमन के तौर पर कार्यरत है. येस बैंक ने चंद्रा के एस्सेल ग्रुप को 8 हजार 415 करोड़ का कर्ज दिया था.
इन सभी के अलावा डीएचएफएल, आई. एल. एण्ड एफ. एस. इंडिया बूल्स, खेतान उद्योग समूह तथा जेट एयरवेज इन कंपनियों ने हजारो करोड़ का चूना येस बैंक को लगाया है. देश के 11 प्रमुख पूंजीपतियों की ओर कुल मिलाकर येस बैंक का 42 हजार 136 करोड़ का कर्ज बकाया है.
खास बात यह कि, इन सभी लोगों ने बैंक के प्रमुख कपूर के साथ मिलकर मनी लाँड्रिंग कराने का भी संदेह जताया जा रहा है, जिससे इन सभी पर ईडी अपना शिकंजा कस सकती है. बैंक का प्रशासन और पूंजिपतियों ने मिलकर आम लोगों के पैसों पर एक तरह से डाका ही डाला है.
इन कंपनियों की ओर बकाया है येस बैंक का कर्ज
जेट एयरवेज - 1100 करोड़, इंडिया बूल्स - 5 हजार 800 करोड़, डीएचएफएल - 4 हजार 735 करोड़, ओमकार ग्रुप - 2 हजार 720 करोड़, आई. एल. एण्ड एफ. एस. 2 हजार 568 करोड़, खेतान उद्योग समूह - 1 हजार 250 करोड़, रेडियस ग्रुप - 1 हजार 20 करोड़, केलकर - 1 हजार 50 करोड़, थापर समूह - 500 करोड़ रुपये.Tags - These 11 industry groups played an important role in sinking Yes Bank
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