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विशेष सम्पादकीय: "कोरोना वायरस अल्लाह की चीन को दी हुयी सजा"


पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की वजह से अब तक 5000 से ज्यादा मौते हो चुकी हैं. चीन के बाद ईरान, इटली, अमेरिका जैसे देशों में अफरातफरी का माहौल हैं. ऐसे माहौल में खुद की बोंगियां हांकने वाले तथाकथित धर्मगुरु और नेतागण मजाक बनने के कई उदहारण हमारे सामने आये हैं. कोई कहता हैं तावीज से कोरोना भागेगा, कोई गो कोरोना...  गो कोरोना कह रहा हैं तो कोई गोमूत्र पार्टी कर रहा हैं.

खुद को विद्वान कहने वाले और लोगों के सामने बड़ी बड़ी बोंगियां हाँकने में कई मुस्लिम धर्मगुरु भी इसी तरह  अपने अज्ञान और अंधविश्वास का ओछा प्रदर्शन करने में पीछे नहीं रहते. जिसके चलते वह लोगों की धार्मिक भावनाओं ललियाकर उन्हें अधिक से अधिक अंधविश्वासी बनाते हैं और अपनी दूकान चला रहे हैं.

ऐसे ही बोगियां मारने वालों में इराक के मुस्लिम धर्मगुरु हादी-अल-मदारिस भी एक हैं. खुद को विद्वान कहने वाले इस शख्स को इसके बाद शायद विद्वान शब्द अपने नाम के पहले लगाने में शर्म जरूर आएगी.

चीन में उघयुर मुस्लिमों के खिलाफ वहां के प्रशासन ने काफी प्रतिबन्ध लगाए हैं. इस्लाम का कड़ाई से पालन ना करने के लिए इन मुस्लिमों को डिटेंशन कैम्पों में रखा जा रहा हैं. यहाँ तक की मुस्लिमों के नाम भी अरबी ना हो इस पर भी कड़ाई से अमल किया जा रहा हैं. जिसका गुस्सा मुस्लिम देशों में हैं. आश्चर्य की बात यह हैं खुद को इस्लामिक देश कहनेवाले पाकिस्तान का चीन फिर भी काफी गहरा दोस्त हैं.

यही कारण रहा कि हादी अल-मदारिस ने भी चीन में आये कोरोना वायरस को अल्लाह द्वारा चीन को दी गयी सजा के तौर पर पेश करने की कोशिश की. अपनी कट्टर सोच का प्रदर्शन करते हुए उन्होंने लाखों मुस्लिमों को चीन द्वारा प्रताड़ना देने के आरोप लगाया. इससे उन्हें इस्लामी जगत से उन्हें वाह वाही मिली होगी.

पर यह वाह वाही ज्यादा देर तक नहीं चल सकी क्यूंकि शायद वह नहीं जानते थे की कोरोना जैसी बिमारी ना  धर्म जानती हैं ना ही किसी देश की भौगोलिक सीमायें. जिस गहराई में वह चीन को धसते  देखना चाह रहे थे वह गहराई केवल चीनियों के लिए नहीं थी बल्कि पूरी इंसानियत के लिए थी. पर जिनकी सोच अंधी हो जाती हैं उनके लिए तब तक दिमाग के दरवाजे नहीं खुलते जब तक वह खुद किसी गर्त में नहीं फंसते.

वैसा ही हुआ. हादी अल-मदारिस साहब खुद कोरोना के पॉजिटिव निकले. उनके कार्यालय द्वारा भी इस बात की पुष्टि की जा चुकी हैं. वहीँ दूसरी ओर शिया बहुल ईरान में अब तक हजारो की तादाद में कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं और सैंकड़ों की संख्या में मौतें हुयी हैं. अब अल्लाह का यह अजाब मुस्लिम देशों में किस लिए बरस रहा होगा?

चीन आज जो कर रहा हैं क्या वही ईरान में अरबों ने कई सौ साल पहले पारसी लोगों के साथ किया था? हर वक्त अपने दिमाग ढक्कन बंद रखने वाले अपने अतीत में झाँकने की हिम्मत जुटा सकते हैं? लानत हैं जो किसी  इंसानी करतूत ने बनायी महामारी को अल्लाह द्वारा दी गयी सजा मानते हैं उन पर!

किसी मन्त्र से या किसी आयत पढ़ने से इस बिमारी को ख़त्म किया जा सकता हैं ऐसा मानने वालों को भारत सरकार वुहान को विशेष विमान से छोड़कर आये. ऐसे लोगों को उनकी औकात का पता तब ही चलेगा. बाकि तो आम इंसान चाहे वह किसी भी धर्म विशेष से हो उसे बरगलाना काफी आसान हैं. हैं ना?
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