कोरोना से बचने निकले थे लेकिन हादसे ने खत्म की तीन जिंदगियां
कार-कंटेनर की भीड़ंत में दो बेटियों समेत मां की मौत
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बता देंं कि, इस समय पुणे शहर में कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से कई कड़े उपाय किए जा रहे है. शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जिन चार शहरों में लाॅक डाऊन की घोषणा की है, उनमें पुणे और पिंपरी-चिंचवड शहरों का समावेश है.
इसके बाद पुणे शहर से हजारो लोग अपने-अपने गांव ओर पलायन कर रहे है. जो भी वाहन मिले उस वाहन से लोग अपने गांव जा रहे है. ऐसे में लोहारा तहसील के ग्राम माकणी के नारायण साठे और सतीश पवार अपने परिवार के साथ पुणे से गांव एक कार में लौट रहे थे. यह दोनों की परिवार काम के सिलसिले में पुणे में रहते थे.
शुक्रवार की शाम 4 बजे माकणी गांव से केवल तीन से चार किलोमीटर दूर कार की कंटेनर के साथ जोरदार भीड़ंत हो गई. इस हाद से में कार चालक नेताजी मनोहर मोरे (उम्र 28), मनीषा नारायण साठे (उम्र 32), वैष्णवी नारायण साठे (उम्र 12), वैभवी नारायण साठे (उम्र 8 वर्ष) इन चारों की मौत हो गई. इसके अलावा नारायण हरीदास साठे (उम्र 36), उनका बेटा हरीश नारायण साठे (उम्र 2 वर्ष), शीतल सतीश पवार (उम्र 30), संस्कृति सतीश पवार (उम्र 6 वर्ष), वेदांत सतीश पवार (उम्र 30 वर्ष) गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों में हरीश साठे और शीतल पवार की हालत नाजूक होने के चलते उन्हें सोलापुर रेफर किया गया है, जबकि बाकी घायलों का इलाज उस्माबाद में किया जा रहा है.
कोरोना के प्रादूर्भाव से बचने के लिए यह दोनों ही परिवार अपने गांव जा रहे थे. लेकिन कोरोना की बजाय एक हादसे ने इनकी जिंदगियां उजाड़ दी है. इस हादसे से माकणी गांव तथा लोहारा तहसील में काफी शोक व्यक्त हो रहा है.
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