कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में अब एनटीपीसी भी शामिल
अपनी अस्पतालों में 121 बेड के आइसोलेशन वार्ड बनाये
नई दिल्ली: भारत की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने कोविड- 19 के खिलाफ लड़ाई में देश के साथ कदम मिलाते हुए अपने अस्पतालों को डेडिकेटेड कोविड- 19 इकाइयों में परिवर्तित कर दिया है.एनटीपीसी ने पहले से ही अपने 45 अस्पतालों/स्वास्थ्य इकाइयों का उपयोग आइसोलेशन की सुविधा तैयार करने के लिए किया है और साथ ही, ऐसे मामलों को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए चिकित्सा कर्मचारियों के लिए अपेक्षित संख्या में उपकरणों की खरीद की है.
इन अस्पतालों में 121 शैयाओं को सभी सुविधाओं के साथ आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया गया है.
कोविड मामलों से निपटने के लिए राज्य सरकारों द्वारा उपयोग के लिए तैयार किए गए प्रमुख चिकित्सा बुनियादी ढांचे में दिल्ली के बदरपुर में अस्पताल और ओडिशा के सुंदरगढ़ के मेडिकल कॉलेज अस्पताल शामिल हैं. राज्य सरकार द्वारा कोरबा अस्पताल के अधिग्रहण पर भी विचार किया जा रहा है.मेडिकल स्टाफ को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) के उपयोग के बारे में वीडियो कॉल के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार 22 मार्च को सभी अस्पतालों में एक मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी. इसके अलावा 1,160 पीपीई, 30,000 मास्क और 30,000 दस्ताने सभी परियोजनाओं और स्टेशनों को भेजे गए हैं.
जिला प्रशासन के लिए हजारीबाग में कुल 8 वेंटिलेटर खरीदे जा रहे हैं. वर्तमान में, परियोजना अस्पतालों में 7 वेंटिलेटर हैं. इसके अतिरिक्त, 18 उन्नत स्तर के एम्बुलेंस हैं, जिनमें वेंटिलेटर भी हैं.
विभिन्न अस्पतालों के लिए अन्य 10 वेंटिलेटर खरीद की प्रक्रिया में हैं. इसके अलावा, उपलब्ध एजेंसियों से अतिरिक्त पीपीई, सेनिटाइजर्स इत्यादि हासिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
अन्य उपायों करते हुए एनटीपीसी ने एनटीईसीएल वेल्लूर के जिला प्रशासन को एक अस्पताल में 1,000 बेडशीट खरीदने के लिए धन का योगदान दिया है.
एनटीपीसी भिलाई में, एनजीओ के माध्यम से आसपास के इलाकों में खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (पीएचसी) में आवश्यक दवा उपलब्ध कराने के लिए जिला अस्पताल में सहायता के लिए धनराशि आरक्षित की गई है.
इसी तरह, एनटीपीसी रिहंद ने सेनिटाइजर्स और अन्य सुरक्षात्मक उपकरणों के वितरण के लिए पर्याप्त धनराशि का आश्वासन दिया है.
इसके अलावा, केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के संदर्भ में एनटीपीसी की परियोजनाओं/स्टेशनों पर ठेकेदार श्रमिकों की आवश्यकता को युक्तिसंगत बनाया गया है. एनटीपीसी ने अपनी एजेंसियों से कहा है कि वे मौजूदा असाधारण परिस्थितियों में अनुपस्थित कर्मचारियों को ड्यूटी पर ही मानें. जहां तक मजदूरी का सवाल है, इसमें कोई बाधा नहीं होगी और समय पर इसका भुगतान किया जाएगा. कुछ मामलों में, अग्रिम और अन्य राशि पहले ही दी जा चुकी है.
ठेकेदार के श्रमिकों के लिए आवास, भोजन और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था एनटीपीसी के कई प्रोजेक्ट्स/स्टेशनों पर की गई है. कुछ स्थानों पर निकटवर्ती स्थानों पर रहने वाले बुजुर्ग/गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं/ दिव्यांगों और गरीब परिवारों सहित हाशिए पर रहने वाले समाज के अन्य लोगों के लिए भोजन के पैकेट और रोजमर्रा की जरूरी वस्तुओं का वितरण भी किया गया है.
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