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पुणे के युवा इंजीनियर बना रहे है सस्ता और पोर्टेबल वेंटिलेटर

कोरोना से लड़ने में मिलेगी मदद

File Photo
पुणे - इस समय भारत से लेकर विदेश तक जहां भी देखो केवल कोरोना के चर्चे है. कोरोना ने पूरे विश्व में तबाही का आलम बना रखा है. इस संकट से जूझने के लिए विभिन्न तरह के चिकित्सा संयंत्र लगते है, जिसमें वेंटिलेटर काफी महत्वपूर्ण है. वेंटिलेटर की मांग को देखते हुए पुणे के इंजीनियर एक सस्ता और पोर्टेबल वेंटिलेटर बनाने का जी जान से प्रयास कर रहे है.

पूरे विश्व में इस समय कोरोना के कारण त्राहीमाम मचा हुआ है. अब तक करीब 47 हजार लोगों की जिंदगियां इस महात्रासदी ने लील ली है. ऐसे में चिकित्सा सुविधा वाले यंत्रों की काफी मांग बढ़ गई है. मांग बढ़ने से चिकित्सा संयंत्रों की कीमते भी बढ़ना लाजमी है.

कोरोना की रोकथाम करने के लिए वेंटिलेटर एक महत्वपूर्ण चिकित्सा संयंंत्र है, ऐसे में सभी लोगों को वेंटिलेटर की सुविधा मिलें और अस्पतालों में इसकी उपलब्धता बढें इसके लिए पुणे की एक स्टार्ट अप कंपनी नोक्का रोबोटिक्स प्रा. लि. के इंजीनियरों की ओर से पहल की जा रही है. इस वेंटिलेटर की खासियत यह है कि, यह बाकी कंपनियों के वेंटिलेटर से काफी सस्ता होगा. साथ ही इसका आकार भी छोटा होने के कारण कम जगह में ज्यादा वेंटिलेटर बिठाए जा सकते है.


कंपनी के सह संस्थापक निखिल कुरेले ने अपने इस अभियान के संदर्भ में एएनआई से  बताया कि, इस समय देश में केवल 48 हजार वेंटिलेटर्स उपलब्ध है. इनमें से कितने सुचारू रूप से चल रहे है, इसकी हमें जानकारी नहीं. ज्यादार वेंटिलेटर्स का इस्तेमाल विभिन्न तरह की बीमारियों के लिए हो रहा है. लेकिन कोरोना से ग्रसित मरिजों के लिए ज्यादा से ज्यादा वेंटिलेटर्स भविष्य में लगेंगे.

 पिछले कुछ समय से कोरोना वाइरस संक्रमण का देश में अपने पांव पसार रहा है. कोरोना जैसे गंभीर बीमारी से लड़ने के लिए हमें लगा कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में अस्पतालों में वेंटिलेटर मशीन की आवश्यकता होगी. लेकिन यह वेंटिलेटर किफायती और छोटे आकार का हों, इसे ध्यान में रखते हुए हम इस माॅडेल को तैयार कर रहे है. जल्द ही इस वेंटिलेटर की टेस्टिंग पूरी होने पर इसे बाजार में उतारा जाएगा.

इस वेंटिलेटर की कीमत 50 हजार रुपयों से भी कम होगी. खास बात यह कि, यह वेंटिलेटर केवल और केवल कोरोना की बीमारी के संदर्भ में ही काम आयेगा. बाकी बीमारियों के संदर्भ में इसका उपयोग नहीं होगा, ऐसी जानकारी कुरेले ने दी. उन्होंने एएनआई को दिए अपने इंटरव्यू में अपने पूरे प्रोजेक्ट के संदर्भ में बताया.

खास बात यह कि, देश के विभिन्न इंजीनियरिंग काॅलेज के छात्र भी अब सस्ते और छोटे वेंटिलेटर्स तैयार करने के लिए जमकर प्रयास कर रहे है. अगर इस तरह के सस्ते और छोटे वेंटिलेटर्स जल्द उपलब्ध हुए तो कोरोना वाइरस के बढ़ती महामारी के इलाज के लिए यह काफी कारगर साबित होंगे.
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