बलोच पत्रकार की स्वीडेन में रहस्यमयी मौत से सनसनी
पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी की ओर शक की सुई
नई दिल्ली - पिछले सात दशकों से अधिक समय से पाकिस्तानी ज्यादतियों को झेल रहे बलोचिस्तान के आम नागरिकों के मानवाधिकारों के लिए लड़ाई लडने वाले बलोची पत्रकार साजिद हुसैन की यूरोपीय देश स्वीडेन में रहस्यमयी मौ होने की बात सामने आई है. साजिद की मौत के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजन्सी आईएसआई का हाथ होने की संभावना जताई जा रही है.
साजिद हुसैन करीब आठ साल पहले पाकिस्तान छोड़ने के बाद से वह ओमान, युगांडा, यूएई में रह रहे थे. वर्ष 2017 से वे स्वीडेन में निर्वासित की तरह अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे. लेकिन वे अपनी वेबसाइट के माध्यम से बलोचिस्तान में पाकिस्तानी आर्मी, खुफिया एजेन्सी आईएसआई द्वारा बलौच नागरिकों पर हो रहे जुल्म का खुले तौर पर विरोध करते हुए बलौचों के मानवाधिकारों के लिए लड़ रहे थे.
इसी का नतीजा है कि, पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी आईएसआई पर उनकी हत्या का शक जताया जा रहा है.
साजिद 2 मार्च से लापता थे. दो महिने के बाद उनका शव स्वीडेन के उपासला शहर की फाइरीस नदी नदी में उनका शव दिखाई दिया.
ज्ञात हों कि, सन 1948 में पाकिस्तान ने बलोचिस्तान में सेना भेजकर अपना जबरन कब्जा जमाया था, तभी से वहां पर पाकिस्तानी सेना, खुफिया एजेन्सी आईएसआई और पाकिस्तानी सरकार काफी जुल्म ढा रही है, जिसके खिलाफ वहां की जनता संघर्ष कर रही है.
अब तक बलोचिस्तान के करीब 50 हजार से अधिक लोग गायब कर दि गए है तथा वहां के सभी प्राकृतिक संसाधनों की लूट की जा रही है. कई बलोची लीडर इस समय विभिन्न देशों में रहकर बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बलोचिस्तान में हो रहे मानवाधिकारों के हनन पर आवाज उठाते रहते है. लेकिन पाकिस्तानी आर्मी और आईएसआई इन लोगों के खिलाफ कार्रवाइयां करता रहता है.
साजिद हुसैन की अकस्मात मौत और इसका शक आईएसआई पर जाने ने बलोचिस्तान के नागरिकों का मुद्दा फिर एक बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभरकर सामने आ सकता है.
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