पिंपरी-चिंचवड में ‘समान काम समान दाम’ के लिए डॉक्टरों ने किया आंदोलन
पिंपरी-चिंचवड - कोरोना को हराने के लिए जी-जान लगाकर काम कर रहे पिंपरी चिंचवड महानगर पालिका के वाईसीएम हॉस्पिटल के सीपीएस निवासी डॉक्टरों ने सोमवार 1 जून को को ‘समान काम समान दाम’ का नारा देते हुए अपने विद्यावेतन में बढ़ोतरी के लिए आवाज बुलंद की है.
इन डॉक्टरों का कहना है कि, कोरोना को खत्म करने के लिए हो रही जंग में हम अपनी जान लड़ा रहे है, लेकिन बदले में काफी कम मानदेय मिल रहा है, लेकिन इसी समय हमारे जैसा ही काम कर रहे वाईसीएम के दूसरे स्वास्थ्य अधिकारियों को ज्यादा वेतन मिल रहा है. हमारे विद्यावेतन में भी उसी तर्ज पर बढ़ोतरी की जाए, ऐसी मांग इन डॉक्टरों ने उठाई है
पिंपरी-चिंचवड के वाईसीएम हॉस्पिटल में अगस्त 2018 से 33 डॉक्टर 24 हजार 800 रुपए के मानदेय पर काम कर रहे हैं. इन दिनों कोरोना का प्रकोप काफी बढ़ा है. ये सभी डॉक्टर अपनी जान पर खेल कर मरीजों की सेवा में व्यस्त हैं.
उनको मिलने वाले मानदेय काफी कम है, जिससे उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इन डॉक्टरों ने बार-बार अपना मानदेय बढाने की मांग मनपा और वाईसीएम प्रशासन की ओर उठाई है. लेकिन उनकी मांगों पर प्रशासन की ओर से लगातार अनदेखी की जा रही है, ऐसा आरोप आंदोलनकारी डॉक्टरों ने किया है.
डॉक्टरों का कहना है कि, वे एमबीबीएस डॉक्टर हैं और अन्य निवासी डॉक्टर्स व चिकित्सा अधिकारियों की तरह ही अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. समान काम रहने के बाद भी उनके वेतन और हमारे विद्यावेतन में जमीन आसमान का अंतर है.
इस अंतर को दूर करने के लिए कई बार मांग की गई। फिर भी भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। लगातार हमारी मांग की उपेक्षा की जा रही है, प्रशासन की उदासीनता से सीपीएस डॉक्टरों में निराशा का माहौल है.
इस कारण से इन डॉक्टरों ने सोमवार को अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को पूरजोर तरीके से उठाया.
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