दिल्ली में प्रत्येक 15 EV के लिए 3 किमी के भीतर एक चार्जिंग केंद्र उपलब्ध होगा
दिल्ली सरकार की इस नीति में बिजली वितरण कंपनियां भी शामिल है, जो ग्रिड पर ईवी चार्जिंग के प्रभाव का अध्ययन करेंगी। दिल्ली सरकार ने सोमवार को अपनी ईवी नीति के 2 साल पूरे होने पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग कार्ययोजना जारी की। इसे पहली बार 2020 में पेश किया गया था। इस नीति का नाम 2022-25 के लिए चार्जिंग/ (बैटरी) अदला-बदली के बुनियादी ढांचे की कार्ययोजना रखा गया है।
नीति के तहत राज्य में बैटरी अदला-बदली की सुविधा प्रदान करने वाले संचालकों को प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। योजना में कहा गया है कि यदि वाहन के साथ बैटरी नहीं बेची जाती है तो बिजली संचालकों को खरीद प्रोत्साहन का 50 प्रतिशत तक यह सुनिश्चित करने के लिए दिया जाएगा कि अंतिम उपयोगकर्ता को बड़ी जमा राशि का भुगतान नहीं करना पड़े।
दस्तावेज में कहा गया कि वाहन विनिर्माताओं को अपने अदला-बदली मॉडल को अलग से पंजीकृत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अनुसार कि बैटरियों की लागत आमतौर पर कुल ईवी लागत का 40 से 50 प्रतिशत होती है और यह ईवी उपयोगकर्ता को बैटरी खराब होने के जोखिम से भी बचाती है इसलिए समाधान के रूप में बैटरी की अदला-बदली भारत के ई-वाहन क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है।
कार्ययोजना में यह भी कहा गया है कि नीति आयोग द्वारा 20 अप्रैल, 2022 को प्रकाशित बैटरी अदला-बदला नीति के मसौदे और बाद के किसी भी संशोधन के साथ भविष्य के उपायों को भी ध्यान में रखा जाएगा। दस्तावेज में कहा गया है कि दिल्ली सरकार का लक्ष्य 2024 तक प्रत्येक 15 ईवी के लिए एक सार्वजनिक चार्जिंग केंद्र प्रदान करना है। चार्जिंग केंद्र का यह जाल पूरे दिल्ली में फैलाया जाएगा और दिल्ली में कहीं से भी 3 किमी के भीतर एक चार्जिंग केंद्र उपलब्ध होगा।(भाषा)
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