क्या शिवाजी पर बयान के बाद राज्यपाल का पद छोड़ना चाहते हैं भगत सिंह कोश्यारी? संजय राउत का बड़ा खुलासा
इस महीने की शुरुआत में कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी महाराज को "पुराने जमाने" का आदर्श कहकर विवाद खड़ा कर दिया था। उनकी टिप्पणी को विपक्ष ने शिवाजी और राज्य का "अपमान" बताया था।
राउत ने ट्वीट किया कि राज्यपाल ने पद से मुक्त किए जाने की इच्छा व्यक्त की है!... यह छत्रपति शिवाजी महाराज के अपमान के खिलाफ शिवसेना द्वारा महाराष्ट्र बंद के आह्वान के बाद हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के दुश्मनों के साथ लड़ाई जारी रहेगी! केवल शिवसेना की आवाज गूंजती है! जय महाराष्ट्र!
राउत ने प्रेस कॉन्फेंस में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा और कहा कि सरकार चुपचाप कैसे बैठ सकती है और शिवाजी का अपमान कैसे सहन कर सकती है।
फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र और देश को प्रेरित करने के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज से बड़ी कोई अन्य हस्ती नहीं है।
इस बीच राजभवन ने शिवाजी पर टिप्पणी को लेकर कोश्यारी के इस्तीफे पर विचार करने की खबरों का खंडन किया
उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना धड़ा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने कोश्यारी को हटाए जाने की मांग तेज कर दी है।
राजभवन सूत्रों ने पीटीआई से कहा कि राज्यपाल के इस्तीफे पर विचार करने की खबरों का कोई आधार नहीं है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल की टिप्पणी के खिलाफ नहीं बोलने के लिए राज्य की आलोचना की।
उन्होंने ट्वीट किया कि राज्य, इसके श्रद्धेय नायकों, समाज सुधारकों का लगातार अपमान किया जा रहा है, और स्पष्ट रूप से राजनीतिक होना वर्तमान राज्यपाल की एक और उपलब्धि है... शर्मनाक है कि उन्हें अभी तक हटाया नहीं गया है और सरकार इस पर कुछ नहीं बोलती है!
इस बीच छत्रपति शिवाजी के वंशज उदयनराजे भोसले ने पत्रकारों से बात करते हुए कोश्यारी की टिप्पणी की आलोचना की। वह संवाददाता सम्मेलन के दौरान भावुक भी हो गए।
उन्होंने भाजपा को परोक्ष रूप से चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वे इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं, तो चुनाव नजदीक हैं। लोग इसका संज्ञान लेंगे। दुर्भाग्य से, उन्होंने यह टिप्पणी की। ऐसा करने के बाद क्रिया की प्रतिक्रिया होगी। भाजपा सांसद भोसले एक प्रमुख मराठा नेता हैं।
फडणवीस ने स्थिति को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि हम सभी उदयनराजे के साथ हैं। देश और प्रदेश उनके साथ है। उनकी भावना सही जगह पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का पद संवैधानिक है और (राज्य) सरकार कुछ नहीं कर सकती है।
राष्ट्रपति को राज्यपाल की नियुक्ति का अधिकार है। महाराज भी इसे समझेंगे। हम सब उनकी भावना के साथ हैं। भाषा
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