विवाद का निपटारा होने तक उस क्षेत्र को केंद्र शासित घोषित करें: उद्धव

नागपुर. सीमा विवाद को लेकर सोमवार को महाराष्ट्र में सियासी पारा चढ़ा रहा। उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि राज्य की एक इंच भी जमीन कर्नाटक को नहीं देंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जरूरी काम से दिल्ली में हैं। उनके लौटने के बाद इस विषय पर चर्चा होगी। जल्द ही विधान मंडल में इस आशय का प्रस्ताव पेश किया जाएगा। वहां के मराठी भाषियों को न्याय दिलाने के लिए हम वह सब कु छ करेंगे, जो कर सकते हैं। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि विवाद का समाधान होने तक उस क्षेत्र को केंद्र शासित घोषित करें। विपक्ष के नेता अजीत पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के हितों को सुरक्षित करने के लिए सदन में प्रस्ताव पारित करना जरूरी है। कर्नाटक विधानसभा में पारित प्रस्ताव में भी कहा गया है कि महाराष्ट्र को एक इंच भी जमीन नहीं देंगे। सीमा विवाद के लिए कर्नाटक ने महाराष्ट्र को जिम्मेदार बताया है। ठाकरे की मांग पर भाजपा विधायक प्रवीण दरेकर ने कहा कि हम सभी सीमा क्षेत्र में रहने वाले लोगों के साथ हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के बावजूद विपक्ष के नेता क्रेडिट लेने की होड़ में हैं।
सत्तार के इस्तीफे पर अड़े
कृ षि मंत्री अब्दुल सत्तार के इस्तीफे को लेकर विपक्ष ने सदन में हंगामा किया। इसके चलते विधानसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। सत्तार पर जून, 2022 में 150 करोड़ रुपए मूल्य के भूमि नियमितीकरण में अनियमितता का आरोप है। सत्तार ने यह आदेश ठाकरे नीत एमवीए सरकार के समय जारी किया था। विपक्ष के नेता पवार ने कहा कि अदालत के आदेश के उल्लंघन के लिए सत्तार को मंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए।
यह है मामला
एमवीए सरकार में मंत्री सत्तार ने 37 एकड़ चारागाह की जमीन एक व्यक्ति के नाम करने का आदेश जारी किया था। यह मामला बॉम्बे हाई कोर्ट का नागपुर बेंच के समक्ष है। इस मामले पर 11 जनवरी को सुनवाई होगी। निचली अदालत ने किसी एक व्यक्ति के नाम जमीन ट्रांसफर को खारिज कर दिया था।
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