श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद: भारत हिन्दू महासभा ने अमीन के साथ उपस्थित रहने की मांगी अनुमति
दिनेश शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने अदालत से मांग की है कि न केवल सर्वेक्षण उनकी उपस्थिति में संपन्न कराया जाए बल्कि उसके बाद अमीन द्वारा रिपोर्ट तैयार कर उन्हीं की उपस्थिति में अदालत में पेश की जाए जिससे वह सारी प्रक्रिया के भली प्रकार संपन्न होने की पुष्टि कर सकें। ईदगाह परिसर में हिन्दू मंदिर के साक्ष्य कहां-कहां मौजूद हैं, इसमें वे ईदगाह के सर्वेक्षण के दौरान अमीन की अपेक्षित मदद कर सकते हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता एवं उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव के अधिवक्ता शैलेष दुबे ने बताया कि गत 8 दिसंबर को वरिष्ठ दिवानी न्यायाधीश डिवीजन (तृतीय) सोनिका वर्मा की अदालत में दावा पेश कर बताया था कि मुगल शासक औरंगजेब द्वारा 1670 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन पर मंदिर तोड़कर ईदगाह तैयार कराई गई थी।
उन्होंने दावे में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर मंदिर बनने तक का पूरा इतिहास अदालत के समक्ष पेश कर 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ तथा शाही ईदगाह इंतजामिया कमेटी के बीच हुए समझौते को अवैध बताते हुए उसे निरस्त करने की मांग की थी।
इस पर न्यायाधीश सोनिका वर्मा ने अमीन (शिशुपाल यादव) को ईदगाह का विस्तृत सर्वेक्षण कर 20 जनवरी को सुनवाई से पूर्व रिपोर्ट अदालत में पेश किए जाने के निर्देश दिए थे। इस मामले में 22 दिसंबर को आगे की सुनवाई होनी थी, किंतु अपरिहार्य कारणों से ऐसा न हो सका।
यह जानकारी मिलने पर दूसरे पक्ष के पक्षकार ईदगाह इंतजामिया कमेटी के सचिव एवं पैरोकार एडवोकेट तनवीर अहमद ने अदालत के निर्णय पर आपत्ति जताते हुए सुनवाई के दिन विरोध जाहिर करने का इरादा किया है। (भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta
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