West Bengal में शांति भंग करने के लिए आई है ‘तथ्यान्वेषण’ टीम : Mamta
पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित इलाकों में मौजूदा स्थिति को ‘‘शांतिपूर्ण’’ बताते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि एक अल्पज्ञात गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) द्वारा भेजी गई ‘तथ्यान्वेषण’ टीम यहां कानून व्यवस्था की स्थिति को बाधित करने के लिए राज्य का दौरा कर रही है। पटना उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली टीम के अधिकार पर सवाल उठाते हुए बनर्जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा आयोजित रामनवमी की रैलियों में लोग हाथों में हथियार लिए हुए थे और इस दौरान ट्रैक्टर चलाए जा रहे थे और उन्हें जानबूझकर उन मार्गों की ओर ले जाया गया, जहां नमाज पढ़ी जा रही थी।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख बनर्जी ने कहा, “अभी स्थिति बिलकुल शांतिपूर्ण है। क्षेत्र में शांति भंग करने के लिए ‘तथ्य अन्वेषण’ टीम यहां आई है। इस टीम का क्या काम है? यह क्या करेगी? हर मामले में वे (केंद्र) मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग, बाल आयोग और मीडिया आयोग को भेजते हैं।” बहरहाल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि ‘तथ्यान्वेषण’ दल ने राज्य की स्थिति की ‘‘असली तस्वीर’’ दिखायी है। पश्चिम बंगाल में रामनवमी रैलियों के दौरान हुगली और हावड़ा जिलों के कुछ हिस्सों में हिंसा की घटनाएं हुईं थीं।
पुलिस ने पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एल. नरसिम्हा रेड्डी के नेतृत्व में ‘तथ्यान्वेषण’ टीम को निषेधात्मक आदेशों का हवाला देते हुए किसी भी हिंसा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने की अनुमति नहीं दी। बनर्जी ने सोमवार को राज्य सचिवालय में कहा, “वे नमाज के वक्त जानबूझकर वहां गए थे। भाजपा समर्थकों ने हथियार ले रखे थे। हथियार लेकर नाच रहे थे। धार्मिक रैलियों में लोग हथियार लेकर क्यों चलेंगे, ट्रैक्टर और बुलडोजर क्यों चलाएंगे? उन्हें अनुमति किसने दी? ये अवैध हैं। ये लोग बाहरी हैं और मुंगेर से लाए गए थे।”
टीएमसी ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें हावड़ा के काजीपाड़ा में कथित रूप से एक रैली में एक व्यक्ति बंदूक लिए दिखा। बाद में पुलिस ने उसे बिहार के मुंगेर से गिरफ्तार किया था। ‘तथ्यान्वेषण’ दल ने एक संवाददाता सम्मेलन में पश्चिम बंगाल में हिंसा की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराने की मांग की और आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन की ‘‘दंगाइयों के साथ मिलीभगत’’ थी। राजभवन के एक सूत्र ने बताया कि बाद में तथ्यान्वेषण दल ने राज्यपाल डॉ. सी वी आनंद बोस से मुलाकात की और अपने नतीजों पर एक रिपोर्ट सौंपी।
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