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मोदी-शाह की हत्या के लिए मुस्लिमों को उकसाने वाले कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी

मोदी-शाह की हत्या के लिए मुस्लिमों को उकसाने वाले कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी


देशविरोधी मंच से उकसाना एक गंभीर बात हैं. 

नागरिकता कानून के पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी करने के लिए नेल्लई कन्नन को पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता नेल्लई कन्नन के खिलाफ राज्य में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की हैं. 


कांग्रेस नेता ने रविवार को तिरुनेलवेली में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) द्वारा आयोजित संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में आयोजित एक बैठक में पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को खत्म करने के लिए कहा. SDPI  कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन हैं जिन पर धार्मिक उन्माद फैलाने के कई आरोप लगते आ रहे हैं. इस मंच पर दिए गए कांग्रेसी नेता के भड़काऊ बयान को गंभीर बताया जा रहा हैं. 



"मुझे आश्चर्य हैं की अभी तक किसी मुस्लिम ने मोदी एवं शाह की हत्या क्यों नहीं की" ऐसा कन्नन ने इस बैठक में कहा था. इस तरह की टिपण्णी से पूरे देश से तीव्र प्रतिक्रया सामने आने लगी हैं.

बीजेपी के तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष एच राजा ने अपने ट्वीट में कहा की, “कांग्रेस के नेता नेल्लई कन्नन ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को खत्म करने के लिए मुसलमानों को उकसाया है. मैंने व्हाट्सएप के माध्यम से और ऑनलाइन भी तमिलनाडु पुलिस महानिदेशक से शिकायत की है. मैं तमिलनाडु सरकार से तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूं “.

इस ट्वीट के बाद यह राजा की शिकायत पर, तमिलनाडु पुलिस ने हिंसा भड़काने, किसी को हिंसा में शामिल करने के लिए उकसाने और दो समूहों के बीच हिंसा पैदा करने के प्रयास के लिए आईपीसी की धारा 504, 505 और 505 (2) के तहत कन्नन के खिलाफ मामला दर्ज किया हैं.

मंगलवार को पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए उनके घर पहुंचीं, जहां उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की और फिर पुलिस ने एंबुलेंस बुलाई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया.


जानिये SOCIAL DEMOCRATIC PARTY OF INDIA (एसडीपीआई) के बारे में अधिक-

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया एक भारतीय राजनीतिक पार्टी है, जिसकी स्थापना 21 जून 2009 को हुई थी. एमके फैजी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. इसे पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया के विचारों से जुडी एक राजनीतिक पार्टी भी कहा जाता हैं. पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) भारत में एक चरमपंथी और उग्रवादी इस्लामी कट्टरपंथी संगठन है.  पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया पर विभिन्न असामाजिक और देश विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाया गया है.

इस पार्टी पर गुप्त रूप से हथियारों का प्रशिक्षण देने का भी आरोप लगा हैं. केरल पुलिस द्वारा कई एसडीपीआई कार्यालयों पर छापेमारी की गयी थी. संदिग्ध हथियार प्रशिक्षण शिविर और हथियारों के जखीरों को नारायण और  कन्नूर जिले के कार्यालयों और पीएफआई और एसडीपीआई के अन्य केंद्रों से जब्त कर लिया गया था. 

हालांकि पार्टी ने किसी भी संलिप्तता से इनकार किया, लेकिन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दायर आरोप-पत्र ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उनके राजनीतिक संगठन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) को राज्य भर में हथियार प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने का दोषी ठहराया.

प्राथमिक जानकारी के अनुसार, मामले के 24 आरोपी कथित तौर पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के सदस्य थे. इस मामले में धारा 143, 147, 153 (B), R के तहत आईपीसी की डब्ल्यू / 149, धारा 5 (1) (ए) आर / डब्ल्यू 25 (1) (ए), शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम की धारा 4 और भारतीय दंड संहिता की गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम की धारा अनुसार आरोप दर्ज किए गए गए.


29 जनवरी, 2014 को तिरूर के मंगलम में दो सीपीआई (मार्क्सवादी) (CPI-M) के सदस्यों पर हमले के लिए चार SDPI कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था. इस हिंसक हमले के एक वीडियो को प्रमुख टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित किए जाने के बाद एसडीपीआई ने इस हमले में अपना हाथ होने स्वीकार की. हालांकि पार्टी ने इन हमलों को सही ठहराया और कहा कि उसे अपने सदस्यों को सुरक्षित रखने की जरूरत है.

2014 में दक्षिण केरल के एक निजी स्कूल ने वंदे मातरम को अपने स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम से हटा दिया था, क्योंकि एसडीपीआई के कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम को उध्वस्त करने की धमकी देते हुए कहा था कि राष्ट्रगान में कुछ शब्द मुस्लिम समुदाय की धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ हैं.

जब इस मुद्दे पर विवाद बढ़ गया, तो स्कूल प्रबंधन ने किसी बाहरी दबाव से इनकार किया, एसडीपीआई ने कार्यक्रम में बदलाव को सही ठहराते हुए कहा कि वंदे मातरम में कुछ शब्द उनके धार्मिक विश्वासों ठेस पहुंचाते हैं. 

एसडीपीआई का भारत के 16 राज्यों में राजकीय प्रसार हो चूका हैं जिनमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंद्रप्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र, पुदुचेरी, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और मणिपुर शामिल हैं.

ऐसे कट्टर संगठन के मंच पर से इस देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की हत्या के लिए उकसाना यह एक गंभीर बात हैं. 
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