Pune

[Pune][bleft]

Maharashtra

[Maharashtra][bleft]

National

[National][bleft]

International News

[International][bleft]

Editor's picks

[Editor's pick][bleft]

एल्गार परिषद मामले में 19 संदिग्धों के खिलाफ जल्द चार्जशीट

एल्गार परिषद मामले में 19 संदिग्धों के खिलाफ जल्द चार्जशीट

31 दिसम्बर 2017 को पुणे में हुई विवादास्पद एल्गार परिषद मामले के 19 संदिग्धों के खिलाफ जल्द ही चार्जशीट दायर की जाएगी, ऐसी जानकारी पुणे पुलिस की ओर से दी गई है. इन 19 संदिग्धों में से नौं इस समय जुडिशियल कस्टडी में जेल में हैं. पुणे अदालत इन सभी संदिग्धों की जमानत पहले ही खारिज कर चुकी है.

जेल में बंद नौं आरोपियों के अलावा बाकी छह में से कुछ आरोपियों को न्यायालय ने गिरफ्तारी से संरक्षण दिया है, जबकि कुछ अभी भी भूमिगत बताए जाते, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है.

बता दें कि, 31 दिसम्बर 2017  को पुणे के ऐतिहासिक शनिवार वाड़ा में विवादास्पद एल्गार परिषद हुई थी. इस परिषद के दुसरे ही दिन पुणे से सटे भीमा-कोरेगांव में भारी हिंसा हुई थी. इस हिंसा की जड़ यही एल्गार परिषद है, ऐसा पुलिस का आरोप है. इस प्रकरण में सुधीर ढवले, सागर उर्फ सूर्या गोरखे, हर्षाली पोतदार, रमेश गाईचोर, दौला कामा डेंगले ऊर्फ दीपक ऊर्फ प्रताप, ज्योति जगताप, रोना विल्सन, एड. सुरेंद्र गडलिंग, शोमा सेन, महेश राऊत, मिलिंद तेलतुंबडे, प्रकाश उर्फ नवीन, मंगलू, दीपू किशन उर्फ प्रशांतो बोसे, अरुण फरेरा, वर्नन गोन्साल्विस, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव को अभियुक्त बनाया गया है.

न्यायालय ने आरोपियों को निर्देश जारी किए है कि सभी संदिग्ध पुलिस की ओर से पेश किए गए सबूतों की जांच करने के लिए अपना स्वयं का इलेक्‍ट्रॉनिक विशेषज्ञ नियुक्त करें. संबंधित विशेषज्ञ को क्‍लोन कॉपी के संदर्भ में पूरी तरह से जांच करने बाद इसकी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी न्यायालय ने दिए है. इस कारण क्‍लोन कॉपी को लेकर उपजा विवाद अब समाप्त हो गया है.

विशेष न्यायाधीश एस. आर. नावंदर के कोर्ट में जिला सरकारी वकील उज्ज्वला पवार ने आरोपियों के खिलाफ किस धारा के अंतर्गत मुकदमा चलाया जाना है, इसकी रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट के आधार पर ही अब मामले की सुनवाई शुरू होगी.

इस बीच मामले में आरोपियों के वकिलों की दलील है कि वरवरा राव और रोना विल्सन के साथ कुछ आरोपियों के विरोध में संदेहास्पद और गैरकानूनी गतिविधियों को लेकर यूएपीए के तहत कोई भी सबूत नहीं है. इस कारण इसका उल्लेख चार्जशीट में नहीं किया गया है. बावजूद इसके सभी आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की धाराएं लगाए गई है. आरोपियों ने वकिलों ने इन धाराओं को हटाने की मांग अदालत पहले ही से की है.
Post A Comment
  • Blogger Comment using Blogger
  • Facebook Comment using Facebook
  • Disqus Comment using Disqus

No comments :


Business News

[Business][twocolumns]

Health

[Health][twocolumns]

Technology

[Technology][twocolumns]

Entertainment

[Entertainment][twocolumns]