यल्गार परिषद मामले में पुणे पुलिस की भूमिका की होगी जांच
राज्य के नए गृहमंत्री अनिल देशमुख के संकेत
पुणे: राज्य के नवनियुक्त मंत्रिमंडल ने अपने कामकाज को शुरुआत कर दी है. हाल ही में राज्य के गृहमंत्री बने अनिल देशमुख सोमवार को पुणे शहर में पहुंचे. यहां पहुंचने के बाद उन्होंने यल्गार परिषद संदर्भ में मंतव्य देते हुए कहा कि, इस मामले में पुणे पुलिस की भूमिका की भी जांच की जाएगी. इसलिए अब यह मामला आगे कौनसा मोड़ लेगा, इस विषय पर विभिन्न तरह की चर्चाओं में उबाल आ गया है.
ज्ञात हों कि, राज्य में हाल ही में उद्धव ठाकरे की सरकार स्थापन हुई है. इस सरकार में गृहमंत्री के तौर पर अनिल देशमुख ने अपना पदभार संभाला. पदभार संभालने के बाद देशमुख पहली बार पुणे आए थे. यहां पर उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक की.
इस समय पुणे और पिंपरी चिंचवड पुलिस आयुक्तों समेत अधिकारी उपस्थित थे. बैठक के बाद उन्होंने पत्रकारों के साथ संवाद साधते हुए उन्होंने यल्गार परिषद के संदर्भ में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि, यल्गार परिषद के संदर्भ पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में है. इसलिए इस संदर्भ में भी जांच की जाएगी.
यल्गार परिषद से हिंसा भड़काने का आरोप
31 दिसम्बर 2017 को पुणे के शनिवार वाड़ा परिसर में यल्गार परिषद हुई थी. इस परिषद का आयोजन सुधीर ढवले ने किया था. इस परिषद में बी. जी. कोलसे पाटिल, प्रकाश आंबेडकर, जिग्नेश मेवानी, उमर खालीद समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे. इसके बाद 1 जनवरी 2018 को भीमा-कोरेगांव में भारी हिंसा हुई थी.पुलिस का आरोप है कि, यल्गार परिषद के चलते ही भीमा-कोरेगांव में हिंसा हुई थी. इसके बाद पूरे देश से वामपंथी और प्रगतिशील समाजसेवियों को पुणे पुलिस ने हिरासत में लिया था. इनमें से आज भी ज्यादातर लोग जेल में है. हालांकि, इस परिषद में एक भी वक्ता ने भड़काऊ भाषण नहीं किया.
फिर भी पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई नहीं की ऐसा आरोप किया है. पुलिस की इसी भूमिका पर जांच करने की मांग पिछले कई दिनों से परिषद के आयोजकों की ओर से की जा रही है.

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