मेडिकल जांच के लिए 10 प्रशिक्षु महिलाओं को एक साथ निर्वस्त्र रखा गया
सूरत नगरपालिका के अस्पताल में हुई घटना, जांच के दिए गए आदेश
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प्राप्त जानकारी के अनुसार सूरत म्युनिसिपल काॅर्पोरेशन द्वारा संचालित सरकारी अस्पताल तथा अनुसंधान केंद्र में 10 महिलाएंं मेडिकल जांच के लिए आई थीं. यह सभी महिलाएं ट्रेनी क्लर्क के तौर पर चुनी गई थी. नियमों के मुताबिक इन सभी महिलाओं की एकांत में मेडिकल जांच कराना अनिवार्य था. बजाय इसके इन सभी महिलाओं को पूरी तरह से निर्वस्त्र कर उन्हें महिलाओं की प्रसूति के वाॅर्ड में रखा गया.
सरकारी नौकरी के लिए पात्र हुई इन महिलाओं का प्रशिक्षण पूरा हो चुका था. सरकारी सेवा में अंतिम प्रवेश के लिए इन महिलाओं को मेडिकल रिपोर्ट पेश करना था. इसी मेडिकल परीक्षण के लिए यह महिलाएं सूरत के काॅर्पोरेशन अस्पताल में पहुंची थी, जहां उनके साथ इस तरह का दुर्व्यवहार किया गया.
खास बात यह कि, जब यह महिलाएंं मेडिकल जांच के लिए पहुंची तब इनमें से कुछ अविवाहित महिलाओं के गर्भावस्था की भी जांच की गई तथा उन्हें गर्भावस्था के संबंध में निजी सवाल पूछे गए. इस घटना के विरोध में अब सरकारी कर्मचारी महासंघ ने ताल ठोंकते हुए अस्पताल प्रशासन पर कार्रवाई की मांग की है.
कर्मचारी संगठन ने कहा है कि, इन सभी महिलाओं को एक बंद कमरे में एक-एक कर मेडिकल जांच करानी जरुरी थी. लेकिन इन सभी को एक साथ निर्वस्त्र कर उनकी जांच की गई. जिस वाॅर्ड में इन्हें रखा गया, वहां पर बिल्कुल भी प्राइवेसी नहीं थी. वाॅर्ड का दरवाजा भी बंद नहीं था. ज्यादा रोषपूर्ण बात यह कि, इनमें से कुछ अविवाहित महिलाओं के गर्भावस्था का भी परीक्षण किया गया. यह इन महिलाओं की इज्जत के साथ घोर अपमान है.
कर्मचारी संगठन ने इस घटना की शिकायत जब महानगरपालिका के आयुक्त ओर की तो प्रशासन में हड़कम्प मच गया. आयुक्त ने फौरन ही मामले की जांच करने के लिए तीन सदस्यों की समिति का गठन कर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है. यह समिति दो हफ्तों में अपनी रिपोर्ट महालिका प्रशासन को सौंपेगी.
कर्मचारी संघ ने इस मामले में दोषी अधिकारी और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. इस मामले में प्रशासन अब आगे क्या कार्रवाई करता है, इस ओर सभी की नजरें टीकी है.
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