कश्मीर मुद्दे पर इस्लामी देशों की पाकिस्तान के प्रति बेरुखी
हताश इम्रान खान ने जताया दुख
नई दिल्ली - आतंकवाद और इस्लामिक चरमपंथ के जहर से रसातल की हद पार कर चुके पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर आखरी उम्मीद इस्लामी देशों के संगठन ओआईसी से थी. लेकिन पिछले कुछ दिनों में ओआईसी की ओर से भी पाकिस्तान के प्रति बेरुखी का आलम दिखाई दिया. इस घटना से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान खासे मायूस दिखाई दे रहे है. मलेशिया में उन्होंने अपने इस दुख का खुलेआम इजहार किया, जिससे उनके हताशा दुनिया के सामने आ गई.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान इसी हफ्ते में मलेशिया में थे. वे कुआलालंपुर में इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड इस्लामिक स्टडीज़ के एक सत्र को संबोधित कर रहे थे तब उन्होंने अपनी इस हताशा का इजहार किया. उन्होंने कहा कि, आज मुस्लिम आपस में लड़ने में अपनी ताकत खर्च कर रहे है. लेकिन हमें कश्मीर और म्यानमार के मुस्लिमों के लिए आगे आना चाहिए.
इतना ही नहीं कम से कम इस्लामिक देशों के संगठन को इन विषयों पर एक होना होगा. लेकिन हम यह देखते है कि, यह संगठन भी हमारी बातों को दरकिनार कर रहा है. इम्रान की यह बात साफ जाहीर करती है कि, इस्लामिक देशों का संगठन भी कश्मीर को लेकर पाकिस्तान को लताड़ चुका है.
कश्मीर की धारा 370 तथा भारत में भाजपा सरकार द्वारा पारित किए गए सीएए कानून को लेकर इम्रान पिछले कुछ दिनों से भारत के खिलाफ जहर उगलने का काम कर रहे है. इसी कड़ी में वे इस्लामिक देशों में जा-जा कर कर कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करने गुहार लगा रहे है, लेकिन अब तक उनकी कोई सुनने को तैयार नहीं दिखाई देता.
वे भारत की सरकार पर यह आरोप करते रहे है कि, भाजपा को भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते है और यहां के मुस्लिमों पर अत्याचार करना चाहते है. यह बात बताने के लिए इम्रान ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों का इस्तेमाल किया. इतना ही नहीं बल्कि इस्लामिक देशों के संगठन को भी आवाहन किया.
लेकिन इम्रान खान की अवस्था चौबे चले छब्बे बनने और दुबे बनकर लौटे, ऐसी हो रही है. कश्मीर को लेकर खुद इस्लामिक देशों के संगठन ने पाकिस्तान से किनारा कर लिया. जिससे इम्रान खान की बौखलाहट बढ़ती जा रही है. इतना ही नहीं बल्कि यह बौखलाहट अब हताशा की हद पार कर रही है.
इम्रान खान की हताशा बढ़ने का एक और कारण है, जोकि सौदी अरेबिया से जुड़ा है. क्योंकि कश्मीर के मुद्दे को लेकर भारत को घेरने के लिए पाकिस्तान इस्लामिक देशों के मंत्रियों की एक बैठक फौरन करने की मांग कर रहा था. लेकिन अब तक का उसका सबसे करीबी हमसफर रहे सौदी अरेबिया ने इस बैठक से किनारा कर लिया. इस कारण से इम्रान खान झल्ला उठे है.
ज्ञात हों कि, भारत के धर्मनिरपेक्ष संविधान के चलते पिछले करीब सात दशकों से विश्व में भारत की काफी अच्छी छवि रही है. इसीका नतीजा है कि, कश्मीर के मुद्दे पर कभी भी इस्लामिक देशों ने भारत का विरोध नहीं किया. लेकिन कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद पाकिस्तान को उम्मीद थी कि, इस्लामिक देश अब पाकिस्तान के समर्थन में उतरेंगे.
लेकिन बावजूद इसके कोई इस्लामी देश पाकिस्तान को मदद करने को तैयार नहीं है. इसके चलते इम्रान खान हर देश से हताश होकर पाकिस्तान लौट रहे है.
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