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पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की होगी जांच, चार पूर्व मत्रियों गिर सकती है गाज़?

राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार का ऐलान


मुंबई - राज्य में पिछले वर्ष काफी राजनीतिक उठापटक के बाद भाजपा की सरकार जाती रही, जबकि शिवसेना-काँग्रेस-राष्ट्रवादी काँग्रेस की मिलिजुली महाविकास आघाड़ी सरकार का गठन हुआ. अब यह आघाडी सरकार पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के मंत्रियों पर हुए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के रिपोर्ट आने वाले विधानसभा सत्र में पटल पर रखने जा रही है. इस प्रक्रिया के बाद राज्य में फिर एक बार सियासी घमासान मचने की संभावना है.

ज्ञात हों कि, पूर्ववर्ती फडणवीस सरकार के चार मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप किए गए थे. इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री फडणवीस ने विभिन्न जांच समितियों के माध्यम से जांच की. इस जांच के बाद एकनाथ खडसे का इस्तीफा लिया गया. लेकिन इनके अलावा बाकी सभी मंत्रियों को क्लीन चीट दी गई थी.

राज्य के तत्कालीन राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे पर पुणे के समीप भोसरी एमआईडीसी में एक जमीन खरीदी को लेकर आरोप हुए. खडसे ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए यह जमीन खरीदने का उन पर आरोप है. इस पर काफी घमासान मचने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इस विषय में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने झोटिंग समिति के माध्यम से जांच कराई थी. इसका रिपोर्ट कभी भी विधानसभा के सदन में नहीं रखा गया.

इसके अलावा तत्कालीन महिला एवं बालविकास मंत्री पंकजा मुंडे पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हुए थे. आंगनवाड़ियों में बच्चों को दिए जाने वाले पोषण आहार की चिक्की खरीद में 206 करोड़ के घोटाले का उन पर आरोप था. पंकजा ने अपने पद पर रहते हुए अधिकारों का गलत इस्तेमाल करते हुए अनियमितताएंं बरतने का आरोप हुआ. लेकिन उस समय उन्हें इस घोटाले से पूरी तरह क्लीन चीट दी गई थी.

भाजपा सरकार में सहकार मंत्री रह चुके सुभाष देशमुख पर भी भ्रष्टाचार के मामले में उंगलियां उठी थी. सुभाष देशमुख ने कुछ लोगों के साथ मिलकर सोलापुर में एक आरक्षित भूखंड खरीद लिया था. यह व्यवहार पूरी तरह से नियमों को ताक पर रखकर किए जाने की बात उस समय कही जा रही थी. इस जमीन पर निर्माण कार्य करने से उस समय महापालिका ने मना कर दिया था. लेकिन फिर अचानक यह मान्यता मिल गई थी. इस मामले में सुभाष देशमुख ने दबाव बनाने का उनपर आरोप हुआ. इस विषय में भी देवेंद्र फडणवीस ने आगे आकर देशमुख को क्लीन चीट दी थी.

भाजपा सरकार मेंं नगरविकास मंत्री रहे प्रकाश मेहता पर भी उस समय एसआरए जमीन के घोटाले के आरोप हुए. मुंबई ेके ताडदेव स्थित एम. पी. मिल झोपड़पट्टी विकास प्रकरण में विकासक को नियमों को ताक रखकर लाभ दिलाने का मेहता पर आरोप है. इन आरोपों के बाद फडणवीस ने मामले की जांच लोकायुक्त की ओर सौंपी गई. इसकी जांच अक्टूबर 2018 में ही पूरी हो चुकी है, लेकिन आज तक यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है.

इन सभी घोटालों की जांच रिपोर्ट अब महाविकास आघाड़ी सार्वजनिक करने जा रही है. इस कदम से भाजपा को फिर एक बार तगड़ा झटका लग सकता है. 
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