पुणे पुलिस की वेबसाईट का इस्तेमाल कर रही है चायनिज कंपनी
कई पुलिस कर्मियों को वेबसाईट का नाम बदलने की जानकारी नहीं
पुणे पुलिस विभाग की ओर से पिछले कुछ महिनों से शिकायतों का पंजीयन ऑनलाईन किया जा रहा है. हालांकि, इसमें कई लोगों को दिक्कतें तो आती है, लेकिन अब आधुनिक युग में जहां सब काम कम्प्युटर पर हो रहे हैं तो पुलिस की कम्प्लेंट भी ऑनलाईन हों, इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती.
लेकिन इस संदर्भ में पुणे पुलिस की एक गंभीर लापरवाही तथा अनभिज्ञता सामने आ रही है. पुणे पुलिस की पूर्ववर्ति वेबसाईट http://punepolice.co.in कार्यरत थी. यह वेबसाईट कुछ महिने पहले तक अच्छी तरह से कार्यरत थी. पुणे पुलिस का पूरा कामकाज इसी वेबसाईट से चलता था.
पुणे पुलिस की इसी वेबसाईट से गणेशोत्सव, दुर्गोत्सव समेत विभिन्न कार्यक्रमों को अनुमति दी जा रही थी. लोगों की शिकायतें भी इसी वेबसाईट से की जा रही थी. पूरा संचालन इस वेबसाईट से ही होता था, लेकिन कुछ महिने पहले पुणे पुलिस ने इस वेबसाईट के डोमेन को छोड़ www.punepolice.gov.in वेबसाईट से काम करना शुरू किया.
पुणे पुलिस की वेबसाईट में हुआ यह बदलाव शायद कई सारे पुलिस वालों को पता ही नहीं है, इसलिए पुणे पुलिस के विभिन्न थानों से आज भी शिकायत के लिए आने वाले लोगो को पुरानी वेबसाईट यानी http://punepolice.co.in का पता दिया जाता है. लेकिन जब hindi.webnews24.in ने जब इस साईट की पड़ताल की तो चौंकाने वाली बात सामने आई.
पुणे पुलिस द्वारा बताई जाने वाली वेबसाईट http://punepolice.co.in को खोलने पर इससे पुणे पुलिस की वेबसाईट खुलने की बजाय चीन की एक माइनिंग कंपनी बोनफायर (Bonfire) की वेबसाईट खुलती है. यह माइनिंग के लिए लगने वाले संयंत्र बनाने वाली कंपनी है.
बोनफायर (Bonfire) कंपनी ने 20 फरवरी को यह डोमेन खरीदी किया. लेकिन इस बात का पता शायद पुणे पुलिस को ना होने चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शायद पुलिस के आला अधिकारी हो या पुलिस के साइबर सेल की ओर से पुलिस कर्मचारियों को इसके संदर्भ में कोई जानकारी ही नही दी गई है.
नये डोमेन के साथ पुणे पुलिस की अधिकृत वेबसाईट इस समय http://punepolice.gov.in यह है. अब महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि, अगर http://punepolice.co.in यह पुणे पुलिस का डोमेन एक्सपायर क्यों हुआ. अगर यह डोमेन एक्सपायर भी हुआ गया हों लेकिन इसकी अधिकृत जानकारी सभी पुलिस थानों को क्यों नहीं दी गई. करीब छह महीने पूर्व भी इसी तरह की कंप्लेंट देने के लिए गए हमारे रिपोर्टर को इसी वेबसाइट का एड्रेस दिया गया था. आज भी इसी तरह का अनुभव हमें आया.
आज भी पुणे पुलिस के विभिन्न थानों से लोगों को पुरानी वाले वेबसाईट का ही पता ऑनलाइन कम्प्लेंट्स क्यों दिया जा रहा है. जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. क्या यह विश्वास के साथ पुलिस स्टेशन आने वाले लोगों का क्रूर मजाक तो नहीं हैं? लोगों की इस परेशानी को दूर करने के लिए पुणे पुलिस उचित कदम उठाएं तथा अपने सभी कर्मचारियों को इसके संदर्भ में जानकारी दें, यह समय की जरुरत बन गया है.
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केवल २ दिन पूर्व ही इस डोमेन को Bonfire कंपनी ने या तो ख़रीदा होगा या renew किया होगा. |
इस पूरे मामले में सवाल यह भी उठता है कि, अगर पुणे पुलिस की पुरानी वेबसाईट www.punepolice.co.in डोमेन उपलब्ध भी रहा हो, तो बोनफायर कंपनी ने उसे क्यों खरीदा? अब यह तो खैर यह कंपनी या पुणे पुलिस ही जान सकते हैं. क्यूंकि यह डोमेन इस कंपनी के बिज़नेस सम्बंधित बिलकुल ही नहीं हैं. साथ ही अगर यह डोमेन पुणे पुलिस का था, तो पुलिस ने उसे अगले कुछ दशकों के लिए फ्रीझ क्यों नहीं किया?
चूंकि यह डोमेन बिक्री के लिए उपलब्ध था तो कोई भी आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग इसे खरीदते हुए इसका गलत इस्तेमाल भी कर सकते थे. इसलिए इस डोमेन के संदर्भ में पुणे पुलिस ने गंभीरता दिखानी जरुरी थी. कई शातिर अपराधियों की नस नस जानने वाली पुणे इस बात को कैसे नजरअंदाज कर सकती हैं? इस बात का स्पष्ट मतलब यह हैं कि, पुणे पुलिस ने इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई जिसकी अपेक्षा पुणेकर करते आ रहे हैं.
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