पुणे के सिंहगड इन्स्टिट्यूट्स में शुरू की गई ऑनलाइन क्लासेस प्रणालि
छात्रों का शैक्षिक नुकसान टालने के लिए पहल
इस उपक्रम के संदर्भ में सिंहगड इन्स्टिट्यूट्स (एमसीए) की संचालिका डाॅ. चंद्रानी सिंह जानकारी देते हुए बताया कि, कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए सरकार ने कड़े फैसले लिए है. इसी के तहत छात्रों को संक्रमण से बचाने के लिए महाविद्यालयों को बंद करने का निर्देश दिया है. लेकिन छात्रों की परीक्षाओं को देखते हुए उन्हें नियमित रूप से पढ़ाना जरुरी है. इस समस्या के चलते सिंहगड इन्स्टिट्यूट्स ने छात्रों को ऑनलाइन लेक्चर देने की सुविधा शुरू की है.
उन्होंने बताया कि, इस उपक्रम के तहत डिजीटल क्लासेस चलाए जाते है, जिसमें अध्यापक ऑनलाइन सीधे छात्रों से जूड़ते है. इसके लिए निश्चित टाइम टेबल तैयार कर छात्रों को दिया गया है. इस उपक्रम पर अमल के लिए जूम (zoom) प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस प्रक्रिया में टीचर खुद वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरीए आभारी स्क्रीन पर लेक्चर दे रहे है. इस क्लासरूम में एक लेक्चर 40 मिनटों तक मार्गदर्शन करते है. साथ ही
छात्रों के सवालों का उचित उत्तर प्राध्यापक दे पा रहे है.
गूगल क्लासरूम का इस्तेमाल कर छात्रों को असाइनमेंट, नोट्स भेजी जा रही है. छात्रों के टेस्ट भी आॅनलाइन लिए जा रहे है. स्काइप का इस्तेमाल कर एमसीए के तिसरे वर्ष के छात्रों को प्रोजेक्ट प्रेजेंटेशन दिया जा रहा है. वर्ड प्रेस का इस्तेमाल कर फ्री डोमेन बनाते हुए छात्रो को अभ्यास की पूरी सामग्री अपलोड कर उन्हें लिंक दी जा रही है.
उन्होंने कहा कि, यू-ट्यूब का इस्तेमाल कर प्राध्यापक अपने वीडियो अपलोड कर छात्रों को उसकी लिंक दे रहे है. जिससे छात्रों को बेहतरीन मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है.
सिंहगड काॅलेज के डाॅ. मिलिंद गोडसे ने बताया कि, इस प्रणालि के तहत आॅनलाइन स्क्रीन का इस्तेमालकर कर छात्रों को नेटवर्किंग के विषय के आॅनलाइन प्रैक्टिकल दिखाए जा रहे है, जिससे छात्रों को समझने में काफी आसानी हो रही है. इस प्रणालि के द्वारा मैथेमेटिक्स विषय का क्लास लिया जा सकता है, ऐसी जानकारी डाॅ. मनीषा कुंभार ने दी तथा गूगल क्लास रूम का इस्तेमाल कर प्रोग्राम एवं टेस्ट ली जाती है, ऐसी जानकारी डाॅ. विद्या गवेकर ने दी.
स्काइप तकनीक का इस्तेमालकर छात्रो को प्रेजेंटेशन दिया जा रहा रहा है, ऐसा डाॅ. सुनील खिलारी ने बताया, जबकि प्रा. अंकुश कुदले का कहना है कि, पहले छात्रों को हर एक प्रणाली के संदर्भ में जानकारी दी गई. अब प्रैक्टिकल के साथ छात्रों को अच्छी तरह से समझाया जा रहा है.
इस आॅनलाईन तकनीक पर छात्रों से भी अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है. एमसीए का प्रथम वर्ष का छात्र सुभाष कर्डिले ने कहा कि, चूंकि, कोरोना के प्रकोप के चलते इस समय काॅलेज बंद है, इसलिए छात्रों को घर बैठकर ही असाइनमेंट, नोट्स ऑनलाइन तकनीक से उपलब्ध कराए गए है. अब अभ्यास शुरू है.
एमसीए की छात्रा माधुरी मोगल ने कहा कि, कोरोना के चलते काॅलेज बंद होने से हम काफी टेन्शन में थे. लेकिन अब आॅनलाईन क्लासरूम के चलते हमें काफी खुशी है. एमसीए की द्वितीय वर्ष की छात्रा आदर्शा काटरले ने कोरोना के चलते घरवालों ने मुझे गांव वापिस बुला लिया था.
लेकिन अब घर पर बैठकर ही मैं क्लासेस अटेंड कर रही है. ऋषिकेश कर्डिले ने कहा कि, अब हम घर पर बैठकर रही असाइनमेंट, नोट्स प्राप्त कर रहे है. अभ्यास अच्छा चल रहा है. रोहित बिराजगार ने भी इस दल ऑनलाइन क्लासरूम पर काफी संतोष जताया.
Tags - Initiative to avoid educational loss of students
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