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क्वारंटाइन होम के लिए सिंहगड शिक्षा संस्थान में मुहैया करवाए अपने होस्टल

सरकार के आवाहन पर प्रा. एम. एन. नवले की अनूठी पहल



पुणे - कोरोना वाइरस के संक्रमण के चलते इस समय पूरे विश्व में काफी खलबली मची हुई है. भारत में भी इसके कई सारे मामले अब तक सामने आए है. ऐसे में कोरना का मुकाबला करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न जगहों पर क्वारंटाइन होम स्थापित करने का आवाहन किया गया था. इस आवाहन को प्रतिसाद देने के लिए सिंहगड शिक्षा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष प्रा. डाॅ. एम. एन. नवले ने प्रतिसाद देते हुए सिंहगड शिक्षा संस्थान के दो होस्टल क्वारंटाइन होम स्थापित करने के लिए मुहैया करवाए है.

इस उपक्रम के तहत प्रा. नवले ने सिंहगड इन्स्टिट्यूट्स के वडगांव और कोंढवा में स्थित अपने कैम्पस के उपलब्ध कराने की घोषणा की है. इन होस्टल को क्वारंटाइन होम बनान के लिए पूरी तरह से साफ-सूथरा कर सुसज्जित किया गया है.

वर्ष 1993 में शिक्षाविद् प्रा. एम. एन. नवले द्वारा स्थापित शिक्षा संस्थान है, जोकि आज महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि पूरे देश में बेहतरीन शिक्षा का केंद्र बना हुआ है. इसके तहत आज इंजीनियरिंग, मेडिकल, लाॅ, डेंटल, एमबीए, काॅमर्स काॅलेज समेत केजी से लेकर पीजी तक शिक्षा दिलाने वाली संस्थाएं उपलब्ध है.

आज इस शिक्षा संस्थान पास पुणे और इसके आसपास 12 भव्य-दिव्य और सौंदर्य से भरपूर, पर्यावरण के अनुकूल कैम्पस हैं, जिसमें 85 संस्थान और 26 स्कूल हैं, जो 650 एकड़ से अधिक के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ 650 एकड़ में फैले हुए हैं. सिंहगढ़ संस्थानों में 90,000 से अधिक छात्र हैं जो स्कूल से डॉक्टरेट स्तर तक विभिन्न कार्यक्रमों का अनुसरण करते हैं।  सिंहगड शिक्षा संस्थान तथा प्रा. नवले ने हमेशा ही शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक ऋण चुकाने का हमेशा प्रयास किया है. इसी का नतीजा है कि, संकट की इस घड़ी में भी सिंहगड  शिक्षा संस्थान आगे आया है.


कोरोना जैसे महत्वपूर्ण विषय के संदर्भ में बोलते हुए सिंहगड इन्स्टिट्यूट्स से संस्थापक अध्यक्षा प्रा. एम. एन. नवले ने कहा कि, इस समय कोरोना वाइरस के संक्रमण के चलते पूरी दुनिया काफी परेशान है. विश्व भर के विशेषज्ञ डाॅक्टर्स और साइन्टीस्ट इसकी दवा का आविष्कार करने में जूटे है. दूनिया भर में हजारो डाॅक्टर और नर्सेस कोरोना का संक्रमण खत्म करने के लिए दिन-रात एक कर रही है.

भारत में भी जब कोरोना वाइरस के संक्रमण के मरीज सामने आए तो सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए. कोरोना के लक्षण दिखाई दिने पर संबंधित मरीज को क्वारंटाइन करते हुए उसे आइसोलेशन में रखा जाता है. साथ ही इसका संक्रमण रोकने के लिए सोशल डिस्टन्स जरुरी होता है.


कोरोना से निपटने के लिए क्वारंटाइन होम की काफी जरुरत है. इसके लिए सामाजिक संस्थाएं और शिक्षा संस्थान आगे आएं, ऐसा आवाहन सरकार की ओर से किया गया था. सरकार के इस आवाहन को प्रतिसाद देते हुए प्रा. नवले ने फैसला किया कि, सिंहगड शिक्षा संस्थान के वडगांव और कोंढवा में स्थित दो होस्टल को क्वारंटाइन होम बनाया जाएगा और यहां प र कोरोना के संदिग्ध मरिजों को रखकर उनका उचित इलाज किया जाएगा.

सरकार के इस आवाहन को प्रतिसाद देने वाला सिंहगड शिक्षा संस्था पहला संस्थान है. इसलिए इस  संस्थान के इस पहल की इस समय काफी सराहना हो रही है.
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