...तो पूरा देश डूब जाएगा अंधेरे में : ऊर्जामंत्री नितीन राऊत
मोदीजी के आवाहन से बिजली आपूर्ति पर हो सकता है बुरा असर
मुंबई - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 अप्रैल को पूरे देश में नौं बजे नौ मिनट तक घर के सभी लाइट बंद कर दिए जलाने का जो आवाहन किया है, उससे महाराष्ट्र राज्य समेत पूरा देश अंधेरे में डूबेगा और बिजली संयंत्रों में गंभीर तकनिकी खराबी होगी इसलिए लोग दिए तो जलाएं मगर लाइ बंद ना करें, ऐसा आवाहन राज्य के ऊर्जामंत्री नितिन राऊत ने किया है.
बता दें कि, इस समय कोरोना वाइरस के संक्रमण से होने वाली मौतों के चलते पूरे विश्व में हड़कम्प मचा हुआ है. भारत में भी प्रतिदिन कोरोना वाइरस से संक्रमण के केसेस बढ़ रहे है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिन पहले अपने संबोधन में 5 अप्रैल को सभी देशवासी अपने घरों में दिए जलाएं और घर के लाइ नौं मिनट तक बंद रखें ऐसा आवाहन किया था.
इस प्रक्रिया से हमें कोरोना वाइरस के खिलाफ लड़ने के लिए ऊर्जा मिलेगी, ऐसा दावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इस आवाहन के बाद सोशल मीडिया पर नरेंद्र मोदी के आवाहन का महत्व बताने वाले कई सारे मैसेज की बारीश हो रहे है और मोदीजी ने कैसे दूरदर्शिता से यह फैसला लिया है, इसके पोस्ट आ रहे है. साथ ही इस फैसले का विरोध करने वाले पोस्ट भी काफी चल रहे है.
हालांकि, सोशल मीडिया पर मोदीजी के समर्थन में आने वाले इन दावों की सच्चाई के संदर्भ में अभी भी कोई पुख्ता जानकारी नहीं दे पा रहा है. लेकिन फिर भी देश के लोगों को मोदीजी के आवाहन को अमल में लाने के संदर्भ में आवाहन किया जा रहा है. लेकिन महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने लोगों को अपने घरों के लाइट बंद ना करने का आवाहन किया.
ऊर्जा मंत्री राऊत का कहना है कि, लाॅक डाउन के चलते पहले ही बिजली की मांग काफी कम हो गई है. अगर बिजली ट्रान्समिशन में अचानक बिजली की खपत कम या ज्यादा होती है, इससे फ्रिक्वेन्सी फेल होने का खतरा रहता है. जिससे बिजली संयंत्रों में तकनिकी खराबी आ सकती है.
अगर 5 तारीख को रात नौं बजे सभी लोगों ने अपने घरों के लाइट नौं मिनट के लिए बंद कर दिए तो बिजली की खपत और उत्पादन में अचानक से असमानता उत्पन्न हो सकती है, जिससे गंभीर तकनिकी खराबी होकर पूरा राज्य अंधेरे में डूब सकता है. इसलिए लोग दिए तो जलाएं लेकिन अपने घरों की लाइट बंद ना करें, ऐसा आवाहन नितिन राऊत ने किया.
राउत ने कहा कि, राज्य में प्रतिदिन 23 हजार मेगावैट थी, जोकि अब केवल 13 हजार मेगावैट पर आ गई है. लाॅकडाउन के चलते इंडस्ट्री की मांग करीब-करीब 0 प्रतिशत पर आ गई है. ऐसे में अचानक लोगों द्वारा घरों के दिए नौं मिनट पर बंद करने पर ग्रीड फेल होंगे और सभी पाॅवर स्टेशन हाइ फ्रिक्वेन्सी ग्रीड पर आएंगे. जिससे पाॅवर स्टेशन्स फेल होकर मल्टी स्टेट ग्रीड फेल्युअर हो जाएगा. जिससे केवल महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि पूरा देश अंधेरे में डूब जाएगा.
इस समय हमारे अस्पताल कोरोना वाइरस के गंभीर खतरे से संघर्ष कर रहे है. ऐसे में पाॅवर स्टेशन बंद होने पर इसका गंभीर असर देश की स्वास्थ्य सेवा पर हो सकता है. एक पाॅवर स्टेशन को सुचारू रूप से शुरू करने में 16 घंटों का समय लगता है. ऐसे में पूरे देश की बिजली व्यवस्था को सुधारने में एक सप्ताह का समय भी लग सकता है. यह स्थिति कोरोना के साथ लड़ाई में भयावह हो सकती है, इसलिए लोग मोदीजी के आवाहन के अनुसार घरों में दिए तो जलाएं लेकिन घर के लाइट बंद ना करें, ऐसा आवाहन राउत ने किया.
राउत के इस आवाहन के बाद अब सवाल यह उठता है कि, जो स्थिति महाराष्ट्र में उत्पन्न हो सकती है वह तो देश के सभी राज्यों में उत्पन्न हो सकती है. अगर ऐसा हुआ और बिजली ठप्प पड़ गई तो कोरना महामारी के इस कठीन संकट में स्वास्थ्य सेवाओं पर भी बुरा असर पड़ सकता है. इसलिए अब इस आने वाले संकट से राज्य सरकारें अब किस तरह से निपटती है, यह देखने लायक होगा.
Post A Comment
No comments :