उ. कोरिया, रूस का सैन्य सहयोग संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों का उल्लंघन: अमेरिका, सहयोगी देशों का आरोप
अमेरिका और उसके 10 सहयोगी देशों ने कहा है कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच सैन्य सहयोग संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का खुला उल्लंघन है और इससे रूस को यूक्रेन के शहरों पर मिसाइल हमले बढ़ाने में मदद मिली है।
रूस ने उत्तर कोरिया पर लगाए गए प्रतिबंधों की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विशेषज्ञों के पैनल द्वारा निगरानी जारी रखने के प्रस्ताव के खिलाफ मार्च 2024 में वीटो का इस्तेमाल किया था। इसके बाद उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों की निगरानी के लिए अमेरिका और 10 अन्य देशों ने हाथ मिलाया था और उन्होंने बृहस्पतिवार को जारी अपनी पहली रिपोर्ट में रूस एवं उत्तर कोरिया पर ये आरोप लगाए।
इस बहुपक्षीय प्रतिबंध निगरानी दल में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया और ब्रिटेन शामिल हैं। इस दल की 29 पृष्ठों की रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्य दर्शाते हैं कि उत्तर कोरिया और रूस ऐसी ‘‘अनेक गैरकानूनी गतिविधियों’’ में संलिप्त हैं जो संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध प्रस्तावों के तहत स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया ने यूक्रेन में युद्ध में रूस के इस्तेमाल के लिए समुद्री, हवाई और रेल मार्ग के जरिए तोप, बैलिस्टिक मिसाइल और लड़ाकू वाहन समेत हथियार एवं संबंधित सामग्री भेजी है।
टीम ने कहा कि रूस ने उत्तर कोरिया को वायु रक्षा प्रणाली हस्तांतरित की है और उसकी सेनाओं ने रूसी युद्ध का समर्थन करने के लिए तैनात उत्तर कोरिया के सैनिकों को प्रशिक्षित किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के तहत तय वार्षिक सीमा से कहीं अधिक मात्रा में उत्तर कोरिया को परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति की है तथा प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए उत्तर कोरिया के साथ बैंकिंग संबंध भी बनाए रखे हैं।
इन 11 देशों ने कहा कि इस गैरकानूनी सहयोग से ‘‘मॉस्को को यूक्रेनी शहरों पर मिसाइल हमले बढ़ाने में मदद मिली है। इन हमलों में अहम असैन्य बुनियादी ढांचों पर किए गए लक्षित हमले भी शामिल हैं।’’
संयुक्त राष्ट्र स्थित रूसी मिशन से इस रिपोर्ट पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। रिपोर्ट में एक जनवरी 2024 से 30 अप्रैल 2025 के बीच की अवधि को शामिल किया गया है तथा इस बात के साक्ष्य दिए गए हैं कि रूस और उत्तर कोरिया निकट भविष्य में अपने सैन्य सहयोग को और अधिक गहरा करने का इरादा रखते हैं।
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