पुणे विश्वविद्यालय ने शुल्क की बढ़ोतरी को एक वर्ष तक किया स्थगीत
पुणे - कोरोना वाइरस के संक्रमण के चलते पहले ही शिक्षा क्षेत्र पर काफी अनिश्चितता का माहौल है. इस माहौल में छात्रों और अभिभावकों को दिलासा देने के उद्देश्य से सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय की ओर से शुल्क में बढ़ोतरी ना करने का अहम फैसला लिया गया है. एक साल तक शुल्क वृद्धि को स्थगीत कर दिया गया है.
कोरोना संक्रमण की पृष्ठभूमि पर विश्वविद्यालय प्रशासन किसी भी तरह की कोई बढ़ोतरी ना करें, ऐसी मांग छात्र संगठनों की ओर से की जा रही थी. संगठनों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा था. छात्रों की बढ़ती मांग को देखते हुए शनिवार को विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. नितीन करमलकर की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई. यह बैठक झून ऐप के माध्यम से ऑनलाइन आयोजित की गई थी.
विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस वर्ष छात्रों के शुल्क में 5 से लेकर 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव था. इसके संदर्भ में शुल्क समिति की ओर से विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर सिफारीश भी की गई थी.
विश्वविद्यालय में हुई विद्या परिषद की बैठक में शुल्क बढ़ोतरी के संदर्भ में चर्चा की गई. इसके बाद अगले एक वर्ष तक शुल्क में किसी भी तरह की बढ़ोतरी ना करने के संदर्भ में कई सदस्यों ने मांग रखी. इसके बाद एक वर्ष के लिए बढ़ोतरी के फैसले को स्थगीत किया गया. फैसले से छात्रों और अभिभावकों को काफी राहत मिलने जा रही है.
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